DJB Water Supply: देश की राजधानी दिल्ली में करीब एक महीने जारी भीषण गर्मी की वजह से पानी की घोर कमी से जूझ रही है. इस मसले को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं के बीच गंभीर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर पानी न छोड़े जाने का आरोप लगातक हए जल मंत्री आतिशी ने कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी.


सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा से दिल्ली को पर्याप्त पानी मिल रहा है. इससे दिल्ली सरकार के आरोप जरूर गलत साबित हो गए, लेकिन दिल्ली की पानी की समस्या का समाधान नहीं हो सका था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल सरकार को दिल्ली को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है, जिससे दिल्लीवासियों को इस जल संकट से राहत मिल सके.


पानी की बर्बादी रोकने का आदेश ?


जस्टिस पीके मिश्रा और केवी विश्वनाथन की वैकेशन बेंच ने गुरुवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है और वह अपने पास उपलब्ध अतिरिक्त पानी छोड़ने को तैयार है. वहीं, पीठ ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह हिमाचल प्रदेश की ओर से छोड़े जाने वाले अतिरिक्त पानी के प्रवाह को सुगम बनाए. ताकि यह दिल्ली तक पहुंच सके.


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए. दिल्ली सरकार पानी की सप्लाई के दौरान बर्बाद हो रहे पानी के लीकेज को जल्द से जल्द ठीक करवाए. ताकि पानी की बर्बादी पर लगाम लग सके. साथ ही कोर्ट ने विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि पानी पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए.


हिमाचल ने दी हरियाणा को पानी छोड़ने की सूचना


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हिमाचल सरकार की तरफ से कल यानी 7 जून को 137 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसकी सूचना पहले से ही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा सरकार को देने के निर्देश दिए गए थे. ताकि सुगम प्रवाह के साथ पानी दिल्ली तक पहुंच सके. बता दें कि दिल्ली में हर साल गर्मी शुरू होते ही पीने के पानी की समस्या उठ खड़ी होती है. टैंकर से कभी पानी मिलता और कभी नही. तापमान बढ़ता है तो हर घर में खाने से ज्यादा जीने के लिए पानी जरूरी हो जाता है.


अब 10 जून को होगी सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट का हिमाचल सरकार को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े जाने का आदेश तात्कालिक जल संकट को देखते हुए दिया गया है. उस मामले में अगली सुनवाई 10 जून को होनी है.


हिमाचल दिल्ली को पानी देने से बचता क्यों है?


1994 में दिल्ली समेत पांच राज्यों का पानी बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश करीब 260 क्यूसेक पानी भाखड़ा चैनल से हरियाणा के जरिए दिल्ली को दे रहा है. इसके बाद वर्ष 2019 में हिमाचल सरकार और दिल्ली सरकार के बीच पानी को लेकर एक और समझौता हुआ, जिसके तहत हिमाचल दिल्ली को हरियाणा के जरिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देना था. लेकिन इस समझौते के पांच साल बाद भी दिल्ली को ये पानी अब तक नहीं मिला, क्योंकि हरियाणा का कहना है कि हिमाचल इस पानी का खुद इस्तेमाल कर रहा है और वो दिल्ली के लिए इसे हरियाणा को नहीं दे रहा है. इसकी शिकायत हरियाणा ने अपर यमुना बोर्ड में की थी, जिसके बाद विवाद हो गया और उसका अब तक निपटारा नहीं हो पाया है.


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