Holi 2023 Celebration News: देशभर में आज यानी बुधवार को होली (Holi) का त्योहार पूरे जोश-ओ- खरोश के साथ मनाया जा रहा है. सड़कों पर होली के गुलाल का गुबार नजर आ रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही मनमोहक तस्वीरें सामने आ रही है. लोग पूरी तरह से होली उत्साह से सराबोर नजर आ रहे हैं. आइए अब जानते हैं कि देश में कहां-कहां और कैसे मनाई जाती है होली.
इस दिन मनाई जाती है होली
होली का त्योहार चंद्र मास की पूर्णिमा के अंतिम दिन मनाया जाता है. यह त्योहार वसंत की शुरुआत और बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के तौर पर मनाया जाता है. लोग इस दिन दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर रंग और गुलाल डालकर मनाते हैं. इस दिन देशभर के कई हिस्सों में विशाल जुलूस निकाले जाते हैं. लोग पारंपरिक तरीके से नाचते और गाते हैं और शानदार दावत देते हैं. यह त्योहार उत्तर प्रदेश के वृंदावन और मथुरा जैसे शहरों में बहुत ही भव्य और अनोखे तरीके से मनाया जाता है. होली के इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.
लट्ठमार होली
भारत में होली का उत्सव सबसे भव्य तरीके से उत्तर प्रदेश के बरसाना, मथुरा और वृंदावन शहरों में मनाया जाता है. यहां महिलाएं मजाक में पुरुषों को लाठियों से मारती हैं. इस दौरान पुरुष अपनी रक्षा के लिए ढाल का प्रयोग करते हैं. गौरतलब है कि यहां इस परंपरा का उस वक्त से पालन किया जाता है, जब भगवान कृष्ण राधा और उसके दोस्तों के साथ होली खेलने के लिए अपने दोस्तों के साथ बरसाना जाते थे. बताया जाता है कि श्री कृष्ण रंग लगाना और गोपियों को चिढ़ाना बहुत पसंद था. इस दौरान श्री कृष्ण और उनके साथियों की ओर से किए जाने वाले हंगामे से बौखलाकर, गोपियां कृष्ण और उनके गिरोह को मारने के लिए बांस की लठे उठाती थीं. तभी से ये परंपरा चली आ रही है.
2. फूलों की होली
फूलों की होली फाल्गुन माह की एकादशी पर मनाई जाती है. इस दौरान बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में ताजे फूलों की पंखुड़ियों के साथ कृष्ण भक्तों की ओर से बड़े उत्साह के साथ होली खेली जाती है. फूलों की होली के दौरान फूलों और खुशबू से भरे माहौल का नजारा बहुत ही मनमोहक होता है.
3. हरियाणा में धुलंडी होली
हरियाणा में मनाई जाने वाली धुलंडी होली भाभी और देवर के बीच के बंधन के उत्सव के तौर मनाया जाता है. इस दौरान मजाक करने और एक-दूसरे को परेशान करने का नजारा देखने को मिलता है. इस मौके पर भाभियां अपने देवरों को झूठे गुस्से में घसीटते हैं. इसके साथ ही एक दूसरे को रंग लगाते हैं और पानी से भी एक दूसरे पर प्रहार करते हैं.
4. राजस्थान में रॉयल होली
मेवाड़ राजपरिवार की ओर से रॉयल होली के उत्सव का आयोजन किया जाता है. इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में शाही घोड़े और बैंड के साथ परेड आयोजित की जाती है.
5. पंजाब का होल्ला मोहल्ला
होली के मौके पर आनंदपुर साहिब में तीन दिवसीय उत्सव मनाया जाता है. इस दिन, मॉक कॉम्बैट आयोजित किए जाते हैं. इसके साथ ही यहां कविता और संगीत प्रतियोगिताएं भी होती है.
6. उत्तराखंड की कुमाऊंनी होली
कुमाऊं में रंगों का त्योहार संगीत के धुन पर मनाई जाती है. इस दौरान होली का त्योहार बेहद खुशी और नृत्य के साथ मनाया जाता है.
7. गोवा की शिग्मो होली
गोवा में होली का त्योहार बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है. यहां लोग रंगों के साथ मस्ती करते हुए पारंपरिक संगीत और ताल पर जमकर डांस करते हैं.
8. महाराष्ट्र की रंग पंचमी
महाराष्ट्र में होली को रंग पंचमी के तौर पर मनाया जाता है. इस दौरान, महाराष्ट्र में लोग रंगों और पानी एक दूसरे पर फेंककर होली का त्योहार मनाते हैं. इससे एक दिन पहले बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर होलिका दहन किया जाता है.
9. केरल की मंजल कुली
उत्तरी राज्यों के अलग, दक्षिण में लोग बेहद अलग तरीके से होली मनाते हैं. मंजल कुली कुदुम्बी और कोंकणी लोगों की ओर से मनाया जाता है. यह आम होली के मुकाबले थोड़ा सादा होता है और इसे मंदिरों में मनाया जाता है है. जहां ग्रामीण लोक गीतों और हल्दी-आधारित पानी और रंगों के साथ होली मनाते हैं.
10. बिहार की फाल्गुन पूर्णिमा
बिहार में होली अच्छी फसल के अलावा होलिका और प्रहलाद की पौराणिक कथा के महत्व के याद करते हुए मनाया जाता है. फाल्गुन पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर यहां गाय के गोबर से बने उपले को होलिका के रूप में पेड़ की लकड़ी और ताजा फसल से अनाज डालकर अलाव जलाया जाता है. होली को बिहार में नए साल की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है. इसलिए लोग अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने के लिए अपने घरों को साफ करते हैं. घरों को सजाने के लिए रंगों के अलावा, बिहार में लोग मिट्टी का भी उपयोग करते हैं.
11. तमिलनाडु की कामन पंडिगई
तमिलनाडु में होली का महत्व अलग है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह इस शुभ दिन है. इस दिन उनके श्रद्धेय भगवान कामदेव- प्रेम के देवता भगवान शिव द्वारा वापस लाए गए थे. रंग लगाने की सामान्य परंपरा के विपरीत, यहां लोग कामदेव को चंदन चढ़ाते हैं. इस विश्वास के साथ कि इससे उनका दर्द कम होगा. गीत गाए जाते हैं, जो कामदेव की पत्नी रति के दुख को दर्शाते हैं. जब वह भगवान शिव के क्रोध के कारण जलकर राख हो गई थी.
12. मणिपुर की योसांग
अपने नाम के अनुरूप योसांग मणिपुर में अपनी तरह का होली है. यह पांच दिवसीय उत्सव मनाया जाता है. इस त्योहार की शुरुआत भगवान पाखंगबा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ शुरू होता है. सूरज ढलने के बाद लोग झोपड़ी जलाने के लिए इकट्ठा होते हैं और उसके बाद गांव के बच्चे चंदा लेने के लिए पड़ोस में जाते हैं. दूसरे और तीसरे दिन, स्थानीय बैंड मंदिरों में प्रदर्शन करते हैं, जबकि लड़कियां दान मांगती हैं. अंतिम दो दिन के दौरान वे रंगों और पानी से खेलते हैं.
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