Delhi News: रंगों के त्योहार होली के लिए बच्चे हों या फिर बुजुर्ग, हर आयु वर्ग के लोगों में उत्साह रहता है. यही वजह है कि इस त्योहार के कारण न सिर्फ रंग-गुलाल बल्कि, मिठाईयों और कपड़ों आदि की भी खूब बिक्री हुई है, जिससे व्यवसाय को भी काफी लाभ होने के आसार है. कोरोना के बाद सभी त्योहारों पर जिस तरह से पाबंदियां लगी हुई थीं, उससे न केवल त्योहारों पर व्यापार प्रभावित हुआ था, बल्कि लोगों के त्योहार मनाने का पैमाना भी छोटा हो गया था.
पिछले साल से सभी त्योहार खुल कर मनाए जाने लगे. यही वजह है कि इस बार होली को लेकर बीते वर्ष की तुलना में बाजारों में ज्यादा रौनक दिख रही है, बल्कि लोगों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. अब जब लोग खुल कर होली मना रहे हैं तो तैयारी और खरीदारी भी उसी तरह से हो रही है.
दिल्ली में 3 हजार होली मिलन समारोहों का आयोजन
कैट (CAIT) कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने एबीपी लाइव को बताया की इस बार दिल्ली समेत देश भर में 50 हजार करोड़ के कारोबार का अनुमान है. जो कि पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है. वहीं अकेले दिल्ली भर में 5 हजार करोड़ के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा है.
इस वर्ष दिल्ली सहित देशभर में बड़े स्तर पर होली समारोहों का आयोजन हो रहा है, जिसके चलते बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्तरां, क्लब एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों के आयोजनों का तांता लगा हुआ है. सिर्फ दिल्ली भर में ही, छोटे-बड़े मिलाकर तीन हजार से ज्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं.
मिठाईयों की दुकानों पर भी दिख रही रौनक
बता दें कि दिल्ली में 24 मार्च को होलिका दहन किया गया. जबकि 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जा रहा है. होली के त्योहार को लेकर तकरीबन दो हफ्ते पहले से ही दिल्ली के सभी थोक एवं खुदरा बाजार होली के रंगों से रंगे नजर आ रहे हैं. सभी बाजारों में दुकानों पर गुलाल और पिचकारी के साथ होली के अन्य सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ लगी हुई है. मिठाईयों की भी खूब बिक्री हो रही है, खास तौर पर होली की स्पेशल मिठाई गुजिया की तो काफी डिमांड है और बड़े पैमाने पर इसकी बिक्री हो रही है.
स्वदेशी पिचकारियों की बाजारों में धूम
वहीं बात करें पिचकारियों की तो बीते वर्षों की तरह इस बार भी न केवल व्यापारियों ने बल्कि लोगों ने भी चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार किया हुआ है. बीते कुछ वर्षों से स्वदेशी पिचकारियां ही खूब बिक रही हैं और इनकी मांग पिछले सालों के मुकाबले 20 प्रतिशत तक बढ़ी है. फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र शर्मा के मुताबिक, इस बार देशी पिचकारियां खूब बिक रही हैं, जिनमें प्रेशर वाली पिचकारियों की काफी डिमांड है.
मार्केट में प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक की बिक रही है. वहीं, टैंक वाली पिचकारी 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में मिल रही है. इसके अलावा फैंसी पाइप की भी काफी धूम है. बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि पिचकारी को भी खूब पसंद कर रहे है, जो पूरी तरह स्वदेशी हैं.