World Aids Day 2021: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है और एचआईवी एड्स को लेकर लोगों को जागरुक किया जाता है. पिछले कुछ सालों में एचआईवी एड्स के मामले काफी तेजी से बढ़े थे लेकिन अब उसमें कमी आ रही है. एड्स को एक बहुत ही खतरनाक बीमारी माना जाता है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. भारत में भी लाखों लोग इस बीमारी के शिकार हैं. भारत सरकार द्वारा 2020 में जारी किए गए एक एचआईवी अनुमान रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2019 में एचआईवी/ एड्स (पीएलएचआईवी) बीमारी से लगभग 23.49 लाख लोग पीड़ित हैं.
हालांकि सबसे अच्छी बात ये है कि देश में कई जगहों पर इस बीमारी की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. सरकार द्वारा जारी आकड़े के अनुसार 2019 में देश की राजधानी दिल्ली में 68 हजार लोग इस बीमारी के शिकार थे. इसके अलावा...
- यूपी में- 1 लाख 61 हजार
- बिहार में - 1 लाख 34 हजार
- राजस्थान में- 63 हजार
- मध्य प्रदेश में- 59 हजार
- पंजाब में- 66 हजार
वहीं 2018 से इन राज्यों की तुलना करें तो 2019 में दिल्ल्ली में 2 हजार नए मामले बढ़े, जबकि बिहार में 3 हजार और राजस्थान में 1 हजार नए केस बढ़े. दूसरी तरफ यूपी, मध्य प्रदेश और पंजाब में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.
इन लोगों में एचआईवी संक्रमण का सबसे अधिक खतरा
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में घोषित किया था. आंकड़ों के अनुसार, एचआईवी या एड्स से संबंधित बीमारियों से अब तक 36 मिलियन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और अनुमानित 37.7 मिलियन व्यक्ति इसके साथ रह रहे थे.
2020 के अंत में यह दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है. यूएनएड्स की रिपोर्ट में एड्स की रोकथाम के लिए वैश्विक स्तर पर पांच जरूरी रणनीतियों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है. इसमें महामारी की रोकथाम, तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए विश्व स्तर पर वित्त पोषण को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक समलैंगिक पुरुषों और यौनकर्मियों, इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों और कैदियों में एचआईवी संक्रमण का सबसे अधिक खतरा बना हुआ है.
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