अगर आप भी अपार्टमेंट में रहते हैं तो ये खबर आपके लिए है. आज हम आपको बिल्डिंग में स्ट्रक्चरल कमी और इससे संबंधित वर्तमान में क्या नियम हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं. कई बार ऐसा होता है कि बिल्डिंग के स्ट्रक्चर में कुछ खामी रहती है लेकिन लोग नियमों की सही जानकारी नहीं रहने की वजह से इस संबंध में कुछ कर नहीं पाते हैं. ऐसे में बिल्डिंग के स्ट्रक्चर में अगर कुछ कमी रह जाती है तो फ्लैट अक्यूपेंशी सर्टिफिकेट जारी होने के दिन से पांच साल तक आपके हाथ में कौन सी बड़ी शक्ति है यहां हम आपको वो बताने जा रहे हैं. 


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दरअसल, रेरा के वर्तमान नियमों के अनुसार फ्लैट अक्यूपेंशी सर्टिफिकेट जारी होने के दिन से पांच साल तक बिल्डिंग में कोई भी स्ट्रक्चरल कमी दिखने पर फ्लैट ओनर बिल्डर को नोटिस जारी कर सकता है जिस पर 30 दिनों के अंदर जवाब देना और समस्या का समाधान करना बिल्डर के लिए कानूनी तौर पर जरूरी है. 


शिकायतकर्ता रेरा से सीधे संपर्क भी कर सकते हैं अगर बिल्डर का जवाब संतोषजनक नहीं है या बिल्डर ने कोई जवाब दिया ही नहीं दिया है. ऐसे केस में रेरा के द्वारा आदेश जारी किया जाता है. लेकिन यहां ये ध्यान देना जरूरी है कि फ्लैट मालिक और रेरा 5 साल के अंदर ही इस संबंध में कोई फैसला ले सकते हैं. पांच साल की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद इस संबंध में रेरा के पास अधिकार नहीं हैं.   


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