Delhi News: दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार विंटर एक्शन प्लान लाने की तैयारी में जुटी है तो दूसरी तरफ आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) की एक स्टडी आई है जिसमें प्रदूषण से निपटने के उपाय बताए गए हैं. ऐसा दावा किया गया है कि इससे शहरों से 40 प्रतिशत तक प्रदूषण कम किया जा सकता है. 


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी दिल्ली के अध्ययन में बताया गया है कि प्रदूषण के मुख्य कारणों में सड़कों के दोनों ओर पेवमेंट ना बना होना, कचरों को खुले में फेंका जाना और कचरों को जलाया जाना है. अध्ययन में कहा गया है कि निर्माण से जुड़े कचरे, धूल और अन्य कचरों की सफाई से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है. 


आईआईटी दिल्ली ने बताए उपाय
आईआईटी दिल्ली की एटमॉसफेरिक साइंस की प्रोफेसर सागनिक डे ने पोर्टेबल लो कोस्ट सेंसर का इस्तेमाल प्रदूषक को दूर करने के उपाय के प्रभाव की जांच की.इस अध्ययन में वायु प्रदूषण के उन वजहों पर ध्यान दिया गया है जिसपर अक्सर फोकस नहीं किया जाता है. इसमें वायु गुणवत्ता में सुधार और लोगों के स्वास्थ्य को बचाने के प्रैक्टिकल उपाय बताए गए हैं. 


ऐसा बताया जाता कि धूल और कचरा उत्तर भारत में प्रदूषण का 25-40 प्रतिशत हिस्सा है. इसकी वजह से वायु गुणवत्ता में गिरावट होने के बाद भी इसपर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना की उद्योगों से होने वाले विकिरण और वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर दिया जाता है. 


विंटर एक्शन प्लान जल्द होगा लागू
दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान लाने की बात कही है जिसके तहत 7 अक्टूबर से एक महीने तक अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए 13 विभागों की 523 टीमें तैनात की गई हैं. यह प्लान 21 सूत्री पॉइंट पर आधारित है. वहीं, निर्माण स्थलों के लिए 14 सूत्री योजना बनाई गई है. इसके तहत कुछ नियमों का पालन करना होगा और उल्लंघन करने पर 7500 से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.


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