ED Raid: AAP नेताओं के ठिकानों पर ईडी ने आज किस मामले में की छापेमारी, जानें- क्या है पूरा मामला?
ED Raid News: ईडी DJB के संबंध में दो अलग-अलग कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच में जुटी थी. इस संबंध में जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-एनसीआर, केरल, चेन्नई में 16 जगहों पर छापेमारी की थी.
Delhi News: दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं से जुड़े 12 ठिकानों पर मंगलवार सुबह से ईडी की छापेमारी जारी है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में ये कार्रवाई की है. ईडी ने जिस मामले में कार्रवाई की है, वो दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जारी टेंडर में बरती गई अनियमितताओं से जुड़ी है. ईडी ने इस मामले में सीबीआई की FIR और दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच से संबंधित केस के आधार पर बीते साल जांच शुरू की थी.
तभी से प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली जल बोर्ड के संबंध में दो अलग-अलग कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच में जुटी थी. इस संबंध में पिछले साल जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-एनसीआर, केरल, चेन्नई में 16 जगहों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी जलबोर्ड के अधिकारी, NBCC के लोग और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों पर दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और केरल में की गई थी.
ये है पूरा मामला
दिल्ली जल बोर्ड टेंडर प्रक्रिया को लेकर आरोप है कि इस मामले में कई नियमों को ताक पर रखा गया और अनियमितता बरती गई. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने NBCC के अधिकारियों की मिलीभगत से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्लो मीटर की इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर जारी किया था. जांच में सामने आया कि कंपनी को टेंडर देते समय NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को अनुचित लाभ दिया और उस लाभ को देने की एवज में पैसे लिए गए. तत्कालीन NBCC के महाप्रबंधक DK मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में परफॉर्मेंस बेस्ड नकली सर्टिफिकेट जारी किया. टेंडर प्रक्रिया के दौरान NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और उसके जूनियर स्टाफ के साथ मिलीभगत करके करीब 38 करोड़ रुपए का टेंडर हासिल किया था.
अभी तक पेमेंट न करने का भी है आरोप
डीजेबी से संबंधित एक अन्य मामला यह है कि दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह ऑटोमेटिक मशीन लगाई जानी थी. मशीन लगाई भी गई और बिल के भुगतान भी हुए लेकिन वो पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट जमा नहीं हुआ. इस मामले में भी ED जांच कर रही है. जल बोर्ड के अधिकारी ED की राडार पर है. ये कॉन्ट्रैक्ट 3 साल के लिए दिया गया था, जिसे बाद में समय समय पर बढ़ाया गया. बावजूद इसके कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को पेमेंट नहीं की जा रही थी. उसके बाद भी चीजों को अनदेखा किया गया.
DJB को 14 करोड़ का लगा था चूना
ईडी की जांच में ये भी सामने आया कि नोटबंदी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख की पेमेंट एक साथ की गई, लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंची. इस मामले में करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा जल बोर्ड को हुआ और ये पैसा अभी भी कंपनी मेसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरम ई-पेमेंट्स प्रा.लिमिटेड के पास बकाया है. जब ED ने छापेमारी ने की थी, उस दौरान कई अहम दस्तावेज, नकदी और डिजिटल उपकरण ED में सीज किए थे. इसके अलावा, जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली है. जगदीश अरोड़ा अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से इस काम को अंजाम दे रहे थे.
अभी तक एक रुपये के भी नहीं मिले सबूत
दिल्ली की मंत्री आतिशी का कहना है, ''पिछले 2 साल से AAP नेताओं को धमकियां दी जा रही हैं. इस तथाकथित शराब घोटाले के नाम पर किसी के घर छापेमारी होती है, किसी को समन मिलता है और किसी को गिरफ्तार किया जाता है. दो साल में सैकड़ों छापेमारी के बाद भी ईडी एक रुपया भी बरामद नहीं कर पाई है. दो साल बाद भी ईडी को कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. कोर्ट ने भी बार-बार कहा है कि सबूत पेश किए जाएं. उन्होंने ये भी कहा, '' बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए हमारी पार्टी को दबाना चाहती है, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम डरेंगे नहीं."