24 अक्टूबर को टी20 विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने मुकाबले का विरोध लगातार बढ़ते जा रहा है. जम्मू कश्मीर में बढ़ती आंतकी घटनाओं और वहां रहने वाले आम लोगों की हत्या के बाद से पूरे देश में रोष का माहौल है. भारत में आम आदमी पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी, कुमार विश्वास, गिरिराज सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने टी20 विश्व कप में होने वाले भारत और पाकिस्तान के मैच को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.


बढ़ता जा रहा भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध


दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा, ''हम देख रहे हैं कि कश्मीर में लोगों पर आतंकी हमले हो रहे हैं. अभी क्रिकेट मैच नहीं होने चाहिए वाले स्टैंड से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी भी सहमत होंगे. विपक्ष में रहते हुए, वे जब मुख्यमंत्री थे तब भी उनका स्टैंड यही था कि ऐसे माहौल में पाकिस्तान के साथ मैच नहीं होना चाहिए. जब तक भारत की जमीन पर इस तरह के हमले बंद नहीं होते हैं, तब तक इस तरह से मैच खेलना सही नहीं है.''


विश्व हिंदू परिषद ने भी मैच रद्द करने की मांग की


विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने भी टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने ने ABP न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि, “पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश है भारत सरकार को पाकिस्तान को शत्रु देश घोषित करना चाहिए और शत्रु देश के साथ क्रिकेट फील्ड पर मुकाबले नहीं हो सकते. हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान के साथ 24 तारीख को होने वाला मैच रद्द किया जाए. इससे पहले भी ऐसे उदाहरण आ रहे हैं जब देशों ने अपने दुश्मन देश के साथ ओलंपिक में तक खेलने से मना कर दिया था तो आखिर अब क्यों नहीं हो सकता.“


गिरिराज सिंह ने भी मैच न कराने की बात


टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा हमला किया था. गिरिराज सिंह कहा था कि, 'जम्मू कश्मीर में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं. रिश्ते अभी अच्छे नहीं हैं. ऐसे समय भारत-पाकिस्तान के बीच मैच पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए.


कुमार विश्वास ने मैच न खेलने की उठाई मांग


जाने माने कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए कहा, "भाड़े के पाकिस्तानी पिट्ठू चाहे सेना के जवानों गोली मार दें या बिहार-उप्र के कामगारों को,लेकिन क्रिकेट का ज़िक्र आते ही हर सरकार यही कहती है “क्रिकेट और राजनीति को अलग-अलग रखिए.” कारण यही है कि क्रिकेट का अनाप-शनाप पैसा हर पार्टी के नेताओं के लिए दुधारू गाय है. ग़ज़ब थेथरई है भाई."


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