Delhi News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां देश भर में तिरंगे को फहरा कर आजादी का जश्न मनाया जाता है तो वहीं इस दौरान पतंजगबाजी भी खूब की जाती है. अभी तक पंतगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का बहुत इस्तेमाल होता आया है, लेकिन इस पर प्रतिबंध लगने के बाद मांझे की बिक्री में काफी कमी आई है. पर अब ऐसा खतरनाक देसी मांझा मार्केट में आया है, जिससे पतंग तो पतंग, जिंदगी की डोर भी कट सकती है.
धड़ल्ले से हो रही नोएडा में बिक्री
दरअसल, 15 अगस्त के मौके पर लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं, और उनकी यह मंशा रहती है कि उनकी पतंग न कटे और आसमान में ऊंची उड़ान भरे. इसके लिए चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बाद वो शीशे या केमिकल युक्त देसी मांझे का इस्तेमाल करने लगे हैं, जो चाइनीज मांझे की तरह ही खतरनाक है. जानकारी के मुताबिक ऐसे जानलेवा मांझों की नोएडा के हरौला, निठारी, बरौल, होशियारपुर और सलारपुर जैसे गांवों में खूब बिक्री हो रही है. एक पतंग विक्रेता के अनुसार, चाइनीज मांझों पर रोक के बाद, इस तरह के देसी मांझे खूब बिक रहे हैं. ये यूपी के बरेली से बाजारों में पहुंच रहे हैं.
इस तरह खतरनाक होता है मांझा
चाइनीज मांझा नायलॉन, शीशा समेत कई केमिकल से बना होता है. यह टूटता नहीं और जितना कसता जाता है उतना ही धारधार होता जाता है. जब कोई पतंग कटती है या गिरती है तो दोपहिया सवार इसकी चपेट में आ जाते हैं. अब तक इसके चपेट में आने से दोपहिया वाहन सवार ही घायल हुए हैं या फिर उनकी मौत हो गयी है. देसी मांझे में भी शीशे या केमिकल के इस्तेमाल के कारण वे चाइनीज मांझे के जैसे ही खतरनाक हो गए हैं.
अब तक 284 मामले हो चुके हैं दर्ज
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाली पतंगबाजी को देखते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने पर निर्देश दिया है कि स्वतंत्रता दिवस के दौरान यहां चाइनीज मांझे की बिक्री न होने पाए. दिल्ली पुलिस ने चाइनीज मांझे की बिक्री को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. इसकी रोकथाम के लिए 16 फरवरी से लेकर 3 अगस्त तक 284 मामले दर्ज किए गए हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस, स्वतंत्रता दिवस की अवधि के दौरान जो पतंगबाजी का मौसम है, दिल्ली में चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना जाती रखेगी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया था यह आदेश
बता दें कि, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितम्बर 2022, 10 फरवरी 2023 और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 21 जनवरी 2020 में दिए अपने आदेशों में कहा था कि पतंगबाज केवल सूत से बने मांझो से ही पतंग उड़ा सकते हैं. इसके लिए सूत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है. जबकि चाइनीज मांझे की बिक्री और स्टोरेज पर पूरी तरह से प्रतिबंध है.