Delhi News: 15 अगस्त यानी कल देश की आजादी के 77 वर्ष पूरे हो जाएंगे. आजादी के इन 77 सालों में हमने कितनी तरक्की की और हमारे समाज-देश में क्या बदलाव आया इस पर विषय पर बात करने के लिए एबीपी लाइव की टीम दिल्ली में देश के प्रसिद्ध जवाहर लाल यूनिवर्सिटी पहुंची, जहां बातचीत के दौरान यहां पढ़ाई के साथ शोध कर रहे छात्रों ने अपने विचार एबीपी लाइव के साथ साझा किए.
एनएसयूआई के अध्यक्ष और स्कूल ऑफ़ एनवायरन्मेंटल साइंस से पीएचडी कर रहे सुधांशु शेखर ने कहा कि आजादी के 77 वर्षों के बाद आज भी देश में कई मायनों में स्थिति खाई के समान है चाहे वो अमीरी और गरीबी के बीच हो, जातियों के बीच हो ये तमाम तरह की चीजें आज भी समाज में मौजूद हैं. देश आजाद हुआ, आगे बढ़ा और कई अधिकार भी हमें मिले, बोलने की आजादी, विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी मिली, लेकिन इसके साथ कुछ अन्य चीजें, जिन्हें और आगे आनी चाहिए थी, कुछ चीजें जो खत्म हो जानी चाहिए थी, वो चीजें अभी भी समाज में बनी हुई हैं.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''पिछले कुछ समय में ऐसा माहौल पैदा हो गया है, जिसमें आप खुलकर कुछ कह नहीं सकते हैं और अगर कोई ऐसा करता है तो कई सारे चार्ज लगाकर उसे जेल में बंद कर दिया जाता है और भी कई हथकंडे अपनाए जाते हैं''.
उन्होंने कहा कि आज भी देश की जनता के सवाल, चाहे भुखमरी का हो, बेरोजगारी का हो, गरीबी का हो, आय के श्रोत, शिक्षा-स्वास्थ्य का सवाल हो, ये सभी सवाल आज भी लोगों के सामने भयावह तरीके से खड़े हैं. ऐसे में देश को अभी और आगे ले जाने की जरूरत है. आजाद भारत को और भी ज्यादा लोकतांत्रिक और ज्यादा मजबूत न्यायिक प्रक्रिया वाला देश बनाने की जरूरत है. वहीं युवाओं के शिक्षा और रोजगार के सवाल को एड्रेस करने की जरूरत है और देश में अमीर और गरीब के बीच जिस भयानक तरीके से खाई बनी है, जिस तरीके से गरीब और भी गरीब होता जा रहा है इसे भी गंभीरता से देखने की जरूरत है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई अध्यक्ष और जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से पीएचडी कर रहे राजेश्वर कांत दुबे ने कहा कि आजादी के 77 वर्षों में देश अलग-अलग पड़ावों से गुजरा, जिसमें 1992 का समय काफी अहम था जब देश में लिबराइजेशन आया उसके बाद 2014 और फिर 2019 के बाद राम मंदिर की स्थापना, देश को आगे ले जाने वाले कानून और शिक्षा के क्षेत्र में नेशनल एडुकेशन पॉलिसी समेत देश को समर्पित कुछ मुद्दे सामने आए. क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देकर शिक्षा का भारतीयकरण हुआ.
उन्होंने कहा कि गलतियों और सुधार के साथ देश 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहा है. अंतरिक्ष, अर्थव्यवस्था, औद्योगिकरण आदि क्षेत्रों में भारत ने बीते 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. दुनिया भर में अभी अस्थिरता का माहौल बना हुआ है लेकिन इन विषम परिस्थितियों के बीच भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष तुषार डेढा ने आजादी के इस 77 साल की सफर पर कहा कि हम उन सभी को याद करते हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई. देश विकसित भारत की तरफ बढ़ रहा है, जिसमें युवाओं की अहम भूमिका रहेगी और हम सभी मिल कर देश को इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों को सफल बनाएंगे और 2047 तक देश को विकसित भारत बनाएंगे. सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
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