Delhi News: राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में विपक्षी दलों के 'इंडिया गठबंधन' ने आज "लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ" का नारा देते हुए एक महारैली आयोजित कर अपनी एकजुटता और शक्ति का प्रदर्शन किया. 


आप, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट वाली, शिवसेना, सपा, राजद समेत विपक्ष के 27 दलों के तमाम बड़े नेताओं ने इस महारैली में शिरकत कर वहां पहुंचे हजारों समर्थकों को सम्बोधित कर चुनावी हुंकार भरी. इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने जम कर भाजपा और पीएम मोदी पर हमला बोला.


पहले शो में छाप छोड़ने में रही विफल
विपक्ष की मानें तो यह महारैली काफी सफल रही और उनके अनुमान से ज्यादा समर्थक देश भर से इस महारैली में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंचे थे. वहीं बीजेपी ने विपक्षी गुटों की इस महारैली को पूरी तरह से विफल बताते हुए इसे असरहीन करार दिया.


दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस महारैली को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि, इंडी गठबंधन दिल्ली में अपने पहले शो में छाप छोड़ने में विफल रहा क्योंकि दिल्लीवासियों ने दो मुख्य साझेदारों आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के रैली आह्वान को खारिज कर दिया.


पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी नहीं भर सके जोश
उन्होंने कहा कि, यह एकजुटता विहिन बिखरी हुई रैली थी जिसमें लगभग कुछ हजार की भीड़ की उपस्थिति दर्ज की गई, जिनमें से अधिकांश पंजाब एवं हरियाणा से लाये गये थे.


दिल्ली की दोनों मुख्य विपक्षी पार्टियां आओ और कांग्रेस पर तंज कसते हुए सचदेवा ने कहा कि, दोनों दलों के वो नेता, जो पिछले एक हफ्ते से मीडिया ब्रीफिंग में रैली को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, वे दिल्ली की जनता को तो छोड़िए, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी जोश नहीं भर सके.


आप का जुड़ाव भी हुआ खत्म
वहीं उन्होंने इस गठबंधन के खुले गांठों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि "आप" और कांग्रेस के बीच मतभेद स्पष्ट था क्योंकि मीडिया वीडियो में दिखाया गया कि कांग्रेस ने "आप" नेताओं द्वारा मंच के माइक के पास लगाई गई अरविंद केजरीवाल की तस्वीर को हटवा दी.


सचदेवा ने कहा कि यह तो पहले से ही सभी जानते हैं कि, कांग्रेस का दिल्ली में कोई जमीनी आधार नहीं है, लेकिन रैली से यह भी स्पष्ट हो गया कि  "आप" नेतृत्व का भी दिल्लीवासियों से जुड़ाव खत्म हो गया है. उनका कहना है कि रामलीला मैदान रैली एक फ्लॉप शो रही, जिसमें आप के 61 विधायक रैली के लिए 6100 लोग भी जुटाने में असफल रहे. इस रैली की विफलता ने दिल्ली में "आप" के अंत की शुरुआत कर दी है.


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