India Budget 2022: सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- बजट ने लोगों को मायूस किया, आम जनता के लिए इसमें कुछ नहीं
India Budget 2022: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. सीएम ने दावा है कि इस बजट में आम जनता के लिए कुछ नहीं है.
India Budget 2022: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दावा किया 'इस बजट में महंगाई कम करने के लिए कुछ भी नहीं है.' सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया- 'कोरोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी. बजट ने लोगों को मायूस किया. आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है. महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं.'
बता दें मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया. वहीं बजट पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा- वैश्विक तंगी और आर्थिक तंगी के बीच में आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने वाला बजट पेश किया गया है, बजट में सभी के हितों का ध्यान रखा गया है.
दूसरी ओर कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि बजट में बेरोज़गारी, कृषि क्षेत्र के बारे में कुछ नहीं है. बजट में है क्या? आम नागरिक को बजट में कौनसी राहत दी गई है. बड़े-बड़े उद्योगपतियों को इससे लाभ होगा.
कांग्रेस नेता खड़गे और किसान नेता टिकैत ने किए सवाल
उधर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस साल का बजट सिर्फ अमीरों का बजट है, इसमें गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है. पहले उन्होंने जो चीजें कही थीं, उसे दुबारा दोहराया है. उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स घटाया, ये अमीरों का बजट है.
इसके साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है लेकिन जितना दिखाया जाता है उतना फायदा नहीं होता, दिखाते ज्यादा हैं और मिलता कम है, हमने कहा MSP गारंटी कानून बना दें, इस कानून से कम कीमत में फसलों की खरीद बंद होगी. उन्होंने कहा कि अभी व्यापारियों को इसका फायदा हो रहा है जो कम कीमत में फसलों को खरीदकर MSP में महंगे कीमत में बेचती है.
मायावती ने भी सरकार पर साधा निशाना
दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व सीएम मायावती ने कहा- 'संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित. केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?'
मायावती ने कहा- 'केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है. करों की मार लोगों का जीना दुभर किए हुए है. इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास खासकर बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की हो तो बेहतर.'