Delhi Politics: केंद्रीय बजट 2023-204 में अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबान सरकार (Taliban Government) की मदद के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने पर देश में सियासत गरमाने लगी है. तालिबान को मदद करने का मुद्दा उठाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. वहीं, तालिबान सरकार ने भारत के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों में और मजबूती आएगी. 


'तालिबान से इश्क व दिल्ली वालों से नफरत क्यों?'

पार्टी के अपने ऑफिशियल ट्विटर हेंडल पर दिल्ली से वसूले गए टैक्स और बजट में दिल्ली को मिले फंड का हवा देकर बताया गया है कि दिल्ली ने केंद्र को कितना टैक्स दिया और उसे क्या मिला. इसके आगे लिखा गया है कि दिल्ली ने पौने 2 लाख करोड़ रुपए का टैक्स दिया. इसके आगे लिखा गया है कि दिल्ली को बजट में सिर्फ 325 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है. इसके आगे केंद्र सरकार की ओर से बजट में आफगानिस्तान की तालिबान सरकार को दिए गए फंड के बारे में लिखा है कि केंद्र ने तालिबान को कितना फंड दिया? फिर इसके आगे लिखा गया है 200 करोड़. इसके बाद अगली पंक्ति में लिखा है कि तालिबान से इश्क और दिल्ली वालों से इतनी नफरत क्यों?



सीएम केजरीवाल ने भी की आलोचना

केंद्रीय बजट 2023-204 में अफगानिस्तान में अफगानिस्तान सरकार को 200 करोड़ का बजट आवंटित किए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अपने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्ली का फंड काट कर तालिबान को फंड देना क्या सही है? लोग इसका सख़्त विरोध कर रहे हैं.


तालिबान ने की तारीफ

गौरतलब है कि केंद्रीय बजट 2023-204 में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की मदद के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले की तालिबान सरकार ने भी तारीफ की है. तालिबान की ओर से कहा गया है कि इससे दोनों देशों के बीच अपसी संबंध को और मजबूती मिलेगी. 


इन देशों के लिए बजट में आवंटित हुए पैसे

दरअसल, केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय के बजट में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.  2022-23 के 1416.23 करोड़ रुपये को बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023-24 में 1520.21 करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले वर्ष से 7% ज्यादा है.  इस में से विकास साझेदारी पोर्टफोलियो, जिसमें विदेश मंत्रालय के सहायता प्रमुख रूप से शामिल हैं. इस वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटन की प्राथमिकता में है. इस मद में मंत्रालय के कुल बजट का  32.40% आवंटित किया गया है.


इसके तहत भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के मुताबिक, सहायता पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा भूटान को 2400 करोड़ रुपये की सहायता आवंटित की गई है, जो विदेश मंत्रालय की विकास सहायता का 41.04 प्रतिशत है.  वहीं, मालदीव को मिलने वाली सहायता को बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये कर दिया गया है. यह आवंटन मुख्य रूप से वहां चल रही परियोजनाओं जैसे यूटीएफ विकास परियोजना, ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी परियोजना और उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया गया है.


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