Delhi News: दिवाली (Diwali) और छठ (Chhath) के लिए लोग पहले से ही यात्रा की योजना बनाकर ट्रेन में टिकटों की बुकिंग करवा लेते हैं. ऐसे में ट्रेन में सीमित बर्थ होने के कारण सभी लोगों को कन्फर्म टिकट मिलना संभव नहीं हो पाता है. कई बार तो लोग कन्फर्म होने की उम्मीद में वेटिंग टिकट भी बुक कर लेते हैं, लेकिन जब उनकी टिकट कन्फर्म नहीं हो पाती है तो उन्हें काफी निराशा होती है. ऐसी स्थित में लोग या तो जैसे-तैसे कठिनाइयों का सामना करते हुए यात्रा को मजबूर हो जाते हैं या फिर उन्हें त्योहारों पर यात्रा की योजना को रद्द करना पड़ता है.
लोगों की इसी दिक्कत को देखते हुए रेल मंत्रालय ने इस साल दिवाली-छठ के मौके पर घर जाने वाले यात्रियों को बड़ा तोहफा दिया है और ऐसे यात्रियों के लिए 63 लाख बर्थ/सीट का इंतजाम किया है, ताकि उन्हें कन्फर्म यात्रा टिकट मिल सके. त्योहारों के मौके पर टिकटों की मारामारी और ट्रेनों की कमी को देखते हुए रेलवे लगभग 4500 स्पेशल ट्रेनें चला रही हैं, जिनमें से सबसे अधिक स्पेशल ट्रेनें जयपुर, मुंबई और दिल्ली से देश के अल-अलग शहरों के लिए चलाई जा रही हैं.
सहायता बूथ भी बनाए गए
इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा-सुविधा के लिए बड़े रेलवे स्टेशनों पर जहां सहायता बूथ बनाए गए हैं, वहीं आरपीएफ के अतिरिक्त जवानों की भी तैनाती की गई है. रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, दिवाली और छठ के त्योहार को देखते हुए 4480 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इनमें सर्वाधिक पश्चिम रेलवे (मुंबई) से 1262 स्पेशल ट्रेन चल रही हैं.
1208 स्पेशल ट्रेनें लगा रही हैं फेरे
यह ट्रेनें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश के शहरों से होते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों के बीच यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं. वहीं, उत्तर पश्चिम रेलवे (जयपुर) से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर यूपी-बिहार के बीच 1208 स्पेशल ट्रेनें फेरे लगा रही हैं. इसके अलावा कोलकाता, चेन्नई, भोपाल, हैदराबाद, दिल्ली, जम्मू, सिकंदराबाद आदि शहरों के बीच स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
अनारक्षित टिकट यात्रियों को कहां रोका जाएगा?
अनारक्षित टिकट यात्रियों के लिए पंडाल की व्यवस्था अधिकारी ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के अलावा लोकप्रिय नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच, नियमित ट्रेनों के फेरे बढ़ाकर रेलवे ने अपनी क्षमता को बढ़ाया है. इन ट्रेनों में अतिरिक्त थर्ड एसी, स्लीपर और जेनरल कोच लगाए गए हैं. स्टेशन पर पहुंचने वाले अनारक्षित टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों को स्टेशन परिसर में बने पंडाल में रोका जाएगा, जिससे स्टेशन पर भीड़ नहीं होगी. ट्रेनों के चलने के समय पर उद्घोषणा होती रहेगी.
लंबी दूरी की 3500 नियमित ट्रेनों में 12 लाख बर्थ
मौजूदा लंबी दूरी की 3500 नियमित ट्रेनों में लगभग 12 लाख बर्थ उपलब्ध होते हैं, जबकि दो लाख से अधिक यात्री वेटिंग और आरएसी टिकट पर सफर करते हैं. अतिरिक्त कोच लगने से वेटिंग और आरएसी टिकट कन्फर्म होने की संख्या बढ़ जाती है और यात्री आराम से त्योहारों पर अपने गंतव्य तक पहुंच पाते हैं.
यहां जाने वाली ट्रेनों में होती है सबसे ज्यादा मारामारी
गौरतलब है कि, त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले ही ट्रेनों की टिकटों की बुकिंग फुल हो जाती है. इस वजह से त्योहारों के समय ट्रेनों में कन्फर्म टिकट पाना लोगों के लिए मुश्किल ही नहीं लगभग असंभव सा बन जाता है. इस दौरान ज्यादातर ट्रेन रूट पर टिकटों के लिए मारामारी रहती है, जिनमें सबसे ज्यादा दिक्कत यूपी-बिहार और बंगाल की तरफ जाने वाली ट्रेनों के यात्रियों को झेलना पड़ता है. नवरात्रि के पहले से शुरू हुई यह दिक्कत दिवाली के बाद छठ पूजा तक जारी रहती है. इस दौरान ज्यादातर रूट पर लोगों को जाने और फिर वापस आने के लिए कन्फर्म टिकट मिलना बहुत ही मुश्किल होता है.