Train Alert: दीवाली-छठ पर ट्रेनों में सीट फुल? यूपी, बिहार, बंगाल जाने वाले यात्रियों के पास है ये एक मौका
IRCTC: सावन महीने में रक्षा-बंधन के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है. छठ और दिवाली का त्योहार प्रवासी परिवार संग मनाना चाहते हैं. लेकिन ट्रेनों में कंफर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है.
Indian Railways: त्योहारी सीजन पर यूपी, बिहार और बंगाल जाने वाली ट्रेनों में अभी से सीटें फुल हो गयी हैं. बता दें कि सावन महीने में रक्षा-बंधन के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली और छठ पूजा पड़ते हैं.
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले प्रवासी त्योहार मनाने घरों का रुख करते हैं. यूपी, बिहार और बंगाल की ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलना अभी से मुश्किल हो गया है. भारतीय रेलवे ने यात्रा से 4 महीने पहले टिकट बुक करने की सुविधा दे रखी है.
यूपी, बिहार और बंगाल की ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिलने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. रेग्युलर ट्रेनों में उपलब्ध बर्थ की संख्या आवश्यकता से काफी कम है. आईआरसीटीसी की बुकिंग खुलते ही टिकटों के लिए मारामारी शुरू हो गयी. यात्रियों को सभी ट्रेनों में अभी से वेटिंग टिकट मिल रहे हैं. हालांकि, अभी दीवाली और छठ पूजा में काफी समय बचा है.
यूपी, बिहार, बंगाल की ट्रेनों में सीटें फुल
यूपी-बिहार और बंगाल तक जाने वाली राजधानी, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, विक्रमशिला, श्रमजीवी, नॉर्थ ईस्ट, मगध, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, गरीब रथ, वैशाली, पूर्वा और दुरंतो एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों में अभी से ही टिकट रिग्रेट या वेटिंग दिख रहा है.
ऐसे में अगर आप त्योहार मनाने के लिए घर जाने की सोच रहे हैं तो अभी खाली बर्थ वाली ट्रेनों का टिकट बुक कर लें, वरना ज्यादा पैसे खर्च करने के साथ परेशानियां भी उठानी पड़ सकती हैं. जरूरी नहीं है कि आपको कन्फर्म टिकट मिल ही जाए.
त्योहार के मौके से घर कैसे जायें प्रवासी?
उत्तर रेलवे की तरफ से त्योहार के दौरान स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही जाती है. ट्रेनों में यूपी, बिहार, बंगाल के यात्रियों को अभी से कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है. छठ- दीपावली के दौरान टिकट की स्थित का अंदाजा लगाया जा सकता है.
राजधानी समेत कई ट्रेनों में डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम लागू है. यानी सीटें फुल होने के साथ टिकट की कीमतें भी बढ़ती जाती हैं. लगभग सभी राजधानी ट्रेनों में टिकट की उपलब्धता शून्य है. रेलवे की तरफ से त्योहार पर स्पेशल ट्रेनों का किराया भी काफी अधिक होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि रेलवे रेग्युलर ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने के साथ स्पेशल ट्रेनों की घोषणा पहले क्यों नहीं कर देता है.
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