Delhi Air Train: राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सबसे व्यस्त और बड़े एयरपोर्ट में से एक है, जहां से हर दिन हजारों यात्री उड़ान भरते हैं. इनमें बड़ी संख्या में वे इंटरनेशनल पैसेंजर भी होते हैं, जिनकी कनेक्टिंग फ्लाइट होती है या फिर वे एयरपोर्ट के टर्मिनल एक पर पहुंच कर फिर टर्मिनल दो या तीन पर जाने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं.
इस दौरान उन्हें काफी जाम का सामना करने के साथ पैदल भी चलना पड़ता है. लेकिन आने वाले तीन सालों में यात्रियों को इस परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा और वे आराम से एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक आवाजाही कर सकेंगे और यह संभव हो सकेगा एयर ट्रेन के माध्यम से.
लंबे रूट पर दौड़ेगी एयर ट्रेन
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) यात्रियों की इस परेशानी को दूर करने के लिए जाम फ्री एयर ट्रेन यानी ऑटोमेटिक पीपल मूवर (एपीएम) की सुविधा आरंभ करने करने जा रहा है. इस एयर ट्रेन की शुरुआत के बाद हवाई यात्री बिना जाम में फंसे कुछ ही मिनट में टी3 एवं टी2 तक पहुंच सकेंगे. इस एयर ट्रेन के रूट की कुल लंबाई 7.7 किलोमीटर होगी और यह महज चार स्टॉप टर्मिनल 1, टी2/3, एयरोसिटी और कार्गो सिटी पर रुकेगी.
इस प्रोजेक्ट को साल 2027 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए डायल ने टेंडर भी जारी कर दिया है और संभावना है कि आगामी अक्टूबर-नवंबर तक टेंडर के लिए बिडिंग प्रोसेस भी शुरू हो जाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 2,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
अभी सड़क मार्ग से करनी पड़ती है 7 किलोमीटर की दूरी तय
वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट के इंटरनेशनल टर्मिनल 3 या घरेलू टर्मिनल 1 पर पहुंचने वाले यात्रियों को अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट को पकड़ने के लिए दोनों टर्मिनल के बीच की करीब 7 किलोमीटर की दूरी सडक़ मार्ग के तय करनी पड़ती है.
जिसके लिए बस या टैक्सी से यात्रा का विकल्प उन यात्रियों के पास होता है. लेकिन कई बार इसके लिए उन्हें लंबे इंतजार और इसके बाद सड़क पर लगने वाले ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है, जो वापस लौट रहे यात्रियों को और थकाने वाला होता है तो वहीं, यात्रा की शुरुआत कर रहे यात्रियों के सफर की शुरुआत को कष्टकारी बना देता है. लेकिन इस एयर ट्रेन की शुरुआत के बाद वे महज कुछ ही मिनटों में एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे.
चार स्टॉप पर होगा एयर ट्रेन का ठहराव
शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के तहत एयर ट्रेन के छह ठहराव किये जाने की बात कही गयी थी, लेकिन इस प्रोजेक्ट की डीपीआर में मंत्रालय चार स्टेशन को ही स्वीकृत किया. क्योंकि टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2/3 के बीच ऐरोसिटी मे दो स्टेशन बनाये जाने की योजना थी, लेकिन इससे सफर का समय बढ़ जाता और यात्रियों की समय के बचत के लिए इसकी शुरुआत के अपने उद्देश्य को यह पूरा नहीं कर पाता. वहीं बिना टर्मिनल वाले स्टॉप पर मेट्रो की फुलप्रूफ सुरक्षा देने से इस प्रोजेक्ट का बजट भी बढ़ जाता.
क्या होती है एयर ट्रेन?
एयर ट्रेन, जिसे ऑटोमेटेड पीपल मूवर (एपीएम) भी कहा जाता है, एक स्वचालित ट्रेन प्रणाली है जो दुनिया के कई बड़े एयरपोर्ट पर उनके टर्मिनलों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक यात्रियों को बिना किसी परेशानी के पहुंचाने के लिए चलती है. इसका मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट पर पहुंचे यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक बिना किसी परेशानी के तेज गति से पहुंचाना है.
यात्रियों के लिए एयर ट्रेन यात्रा होगी मुफ्त
भारत से पहले कई विकसित देशों में टर्मिनलों के बीच आवाजाही के लिए एयर ट्रेन कॉन्सेप्ट को अपनाया जा चुका है. दुबई समेत कई ऐसे एयरपोर्ट है जहां एयर ट्रेन के माध्यम से यात्री एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक आवाजाही कर रहे हैं वह भी मुफ्त. अब यह सुविधा दिल्ली से उड़ान भरने वाले यात्रियों को भी मिल सकेगी. आंकड़ों के अनुसार हर साल 7 करोड़ से ज्यादा यात्री यहां से सफर करते हैं. अनुमान है कि अगले 6-8 सालों में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी. ऐसे में टर्मिनलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है. बता दें कि, एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की लागत एयरलाइंस से ली जाने वाली लैंडिंग और पार्किंग फीस से वसूल की जाती है.
डायल द्वारा जारी किया गया यह टेंडर प्रस्ताव
टेंडर डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि डायल दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक एलिवेटेड सह एट-ग्रेड एपीएम प्रणाली को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मॉडल पर लागू करने का प्रस्ताव करता है. एपीएम प्रणाली का उद्देश्य टी1 और टी 2/3 के बीच लगभग 7.7 किमी की दूरी को एयरोसिटी और कार्गो सिटी के माध्यम से जोड़ते हुए तेज कनेक्टिविटी देना है.
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