'डीजल जेनरेटरों का इस्तेमाल बंद करना इतनी जल्दी संभव नहीं', आदेश का पालन करने के लिए CII ने मांगा और समय
Delhi News: 8 फरवरी 2022 के सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार 1 अक्टूबर 2022 के बाद दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले जेनरेटरों का प्रयोग अवैध माना जाएगा.
Delhi News: सीआईआई (CII) ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के एनसीआर में डीजल जेनरेटरों पर प्रतिबंध के आदेश को अमल में लाने के लिए और समय की मांग की है. बुधवार को सीआईआई ने कहा कि वह इस आदेश के अनुपालन के लिए और समय चाहता है. दिल्ली-एनसीआर के उद्योग सदस्यों की ओर से सीआईआई ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को सुझाव दिया कि डीजल जेनरेटरों (Diesel Gensets) के बदले पीएनजी/सीएनजी और ड्यूअल हाइब्रिड टेक्नोलॉजी और रेट्रोफिटिंग उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों को अपनाने और बदलने के लिए कम से कम एक साल का समय दिया जाए.
क्या है CAQM का आदेश
8 फरवरी 2022 के सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार 1 अक्टूबर 2022 के बाद दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले जेनरेटरों का प्रयोग अवैध माना जाएगा. सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार सभी औद्योगिक इकाइयों को अपने मौजूदा डीजल जेनरेटरों को हाइब्रिड/ड्यूअल फ्यूल मोड के जनरेटरों में बदलना होगा. इसके अलावा इन जेनरेटरों को रेट्रोफिटेड उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों से लैस करने की भी आवश्यकता होगी. आदेश के अनुसार वैकल्पिक रूप से 1 अक्टूबर, 2022 से औद्योगिक इकाइयों द्वारा केवल सीएनजी/पीएनजी जेनसेट का उपयोग किया जाएगा.
सीएनजी/पीएनजी की सप्लाई पूरी दिल्ली में नहीं
सीआईआई हरियाणा के अध्यक्ष और भारत सीट्स लिमिटेड के सीएमडी रोहित रेलन ने इसको लेकर तर्क दिया कि बहुत कम औद्योगिक इकाइयां पीएनजी-आधारित जेनरेटर में स्थानांतरित करने में सक्षम हैं, क्योंकि अभी पूरी दिल्ली-एनसीआर में इसकी पाइपलाइन नहीं बिछी है और अभी इसकी सप्लाई कुछ औद्योगिक क्षेत्रों तक ही सीमित है.
रेट्रोफिटेड ड्यूल फ्यूल किट को लेकर कोई मानंदड नहीं
इसके अलावा उन्होंने कहा कि दोहरी ईंधन किट की अभी भारी कमी है जो मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन रही है.उन्होंने आगे कहा कि रेट्रोफिटेड ड्यूल फ्यूल किट को लेकर भी अभी कोई मानदंड नहीं है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
सीएक्यूएम अपने आदेश पर दोबार करे विचार
वहीं सीआईआई-दिल्ली के अध्यक्ष और जेके सीमेंट लिमिटेड के डिप्टी एमडी और सीईओ माधव सिंघानिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि सीएक्यूएम अपने आदेश पर दोबारा विचार करे और उद्योग को तब तक और समय दिया जाए जब तक कि उद्योगों के लिए मानदंडों का पालन करने के लिए अपेक्षित पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित नहीं हो जाता.
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