Delhi News: कुछ ही दिनों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं. हर साल इन छुट्टियों में लोग अपने परिवार के साथ कहीं न कहीं घूमने के लिए निकलते हैं. उनमें से ज्यादातर की यात्रा का माध्यम ट्रेन ही होता है. इसलिए लोग पहले से अपनी छुट्टियों में यात्रा की योजना बना कर ट्रेन की टिकट बुक करा लेते हैं. जो ऐसा नहीं कर पाते हैं वो ऐन मौके पर टिकट की मारामारी और कालाबाजारी के शिकार होते हैं. इसी मौके का फायदा उठाकर टिकट के दलाल पहले से ही टिकटों की बुकिंग कर लेते हैं, जिससे वो समय पर मोटा मुनाफा कमा सकें.
एक तो यात्रियों की बढ़ी भीड़ के कारण ज्यादातर लोग ट्रेन में कन्फर्म टिकट लेने से वंचित हो जाते हैं. रही-सही कसर टिकट के दलाल पूरी कर देते हैं, जो अनुचित तरीकों से टिकटों की बुकिंग कराकर रख लेते हैं. इन्हीं दलालों पर शिकंजा कसने और टिकट की कालाबाजारी रोकने के लिए आईआरसीटीसी और आरपीएफ की टीम एक्शन मोड में आ गई है. इस योजना के तहत आईआरसीटीसी ने मार्च में 1,24,891 पर्सनल यूजर आईडी को ब्लॉक कर दिया है.
यहां के आईडी सबसे ज्यादा
बताया जा रहा है कि इन आईडी के जरिए नियम से अधिक टिकट की बुकिंग कर कालाबाजारी की जा रही थी. वहीं, टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए दिल्ली मंडल की आरपीएफ ने कई शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर 65 केस दर्ज किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा टिकट की कालाबाजारी के मामले गाजियाबाद, फरीदाबाद और आदर्श नगर में मिल रहे हैं. आईआरसीटीसी के मुताबिक, टिकटों की दलाली को रोकने के लिए इंटरनेट टिकटिंग एंट्री फ्रॉड टीम का गठन किया गया है, जो तत्काल टिकट बुकिंग पर रोजाना निगरानी कर के संदिग्ध लॉगिन के आईपी को ब्लॉक कर रही है. इसके जरिए मार्च में 1,24,891 पर्सनल यूजर आईडी को ब्लॉक किया गया है. इसके साथ ही, तत्काल अवधि के दौरान पहले सेकंड में टिकट बुक करने वाले यूजर्स पर नजर रखी जा रही है. साथ ही, उनका डेटा भी इकट्ठा किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, पर्सनल यूजर आईडी के जरिए एक महीने में तत्काल बुकिंग के लिए मात्र 6 टिकट करने के नियम हैं.
65 केस आये सामने
दलालों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से दिल्ली मंडल आरपीएफ के अधिकारियों ने अलग-अलग रेलवे स्टेशन के लिए टीम बनाई है, जिसने स्टेशन के आसपास संदिग्ध लोगों पर नजर रखना शुरू कर दिया है. सीनियर डीएससी प्रियंका शर्मा ने बताया कि अब तक कुल 65 केस पकड़ में आए हैं. आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. महीने भर गुप्त तरीके से चलाए गए इस अभियान के दौरान आरपीएफ के जवानों ने गुपचुप तरीके से टिकटों की कालाबाजारी करने वालों की निगरानी कर उन्हें पकड़ने में कमायाबी पाई है. अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों के पास कई नाम से यूजर आईडी मिले हैं.
दलाल ऐसे देते हैं कालाबाजारी को अंजाम
आरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि टिकटों की कालाबाजारी करने वाले अलग-अलग नाम से यूजर आईडी बनाई है. यह खेल तत्काल टिकट में ही हो रहा है. दरअसल, नियम यह है कि आईआरसीटीसी के एजेंट के लिए तत्काल टिकट विंडो 11 बजकर 15 मिनट पर खुलती है. जबकि एक पर्सनल आईडी के लिए तत्काल टिकट की बुकिंग 11 बजे ही शुरू हो जाती है. इसका फायदा उठाकर दलाल टिकटों की कालाबाजारी करते हैं.
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