पति-पत्नी के रिश्ते को पवित्र रिश्ता माना जाता है. लेकिन कई दफा ऐसा देखने को मिलता है कि किसी कारणवश बिना तलाक के पति-पत्नी अलग-अलग रह रहे हैं और बाद में दूसरी शादी कर लेते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बिना तलाक के दूसरी शादी करना कानूनी रूप से मान्य है? आज की स्टोरी में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं.
तलाक लिए बगै दूसरी शादी करना कानूनी रूप से अपराध है. इसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत साल साल की जेल और जुर्माना का प्रावधान है.
किन धर्मों पर लागू होता है ये कानून
- पहली पत्नी होने के बावजूद दूसरी शादी करने को Bigamy यानी द्विपत्नीत्व कहते है. हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के अनुसार दूसरी शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं है. चाहे वह पुरूष हो या महिला.
- दूसरी शादी करने से पहले पुरूष या महिला को अदालत से तलाक के कागजात लेना जरूरी होता है. ये कानून हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के लोगों पर लागू होता है.
मुस्लिम समुदाय पर नहीं लागू होता है ये नियम
- मुस्लिम समुदाय एक पुरूष बिना तलाक के कुल 4 शादियां कर सकता हे. ऐसी स्थिति में उस पर कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं होगी.
शादीशुदा होने के बावजूद इन नेताओं ने की दूसरी शादी
- तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि तीन शादियां की उनकी पहली पत्नी का नाम पद्मावती था. जिनकी 1948 में मौत हो गई. इसके बाद करुणानिधी ने उसी साल दयालुअम्मल से शादी की. हालांकि इस बीच उन्हें राजतीअम्मल से भी प्यार हो गया जिसके बाद उन्होंने साल 1966 में उससे भी शादी कर ली. यह मामला न्यायालय नहीं पहुंचा क्योंकि उनकी दूसरी पत्नी दयालुअम्मल ने इस शादी को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई थी.
- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के गुजरने के बाद 2003 में साधना गुप्ता से शादी कर ली. हालांकि उस समय मालती देवी का तलाक हो चुका था.
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