जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन को जमीन बेचने के मामले में निलंबित कर दिया गया है. इकबाल हुसैन पर ये कार्रवाई जामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने पद के दुरुपयोग के आरोप में की है. जिस जमीन की बिक्री में शामिल होने का आरोप लगा है उस पर जामिया का अधिकार है.
जामिया ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि यूनिवर्सिटी ने इकबाल हुसैन के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जो फैकेल्टी ऑफ लॉ के रूप में कार्यरत थे. इस जांच की अध्यक्षता हाई कोर्ट के मौजूदा या रिटायर जज द्वारा किए जाने की संभावना है.
इसके साथ आदेश में बताया गया कि इकबाल हुसैन के खिलाफ जांच लंबित है. ऐसे में उन्हें अगले आदेश तक लॉ फैकेल्टी में जाने से रोक दिया गया है. इसमें कहा गया है कि निलंबन की अवधि के दौरान प्रोफेसर इकबाल हुसैन (निलंबन के तहत) सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लिए बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे.
प्रोफेसर इकबाल हुसैन की ओर से निलंबन और आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. आदेश में कहा गया है, “निलंबन की अवधि के दौरान प्रोफेसर इकबाल हुसैन (निलंबन के तहत) सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे.”
आदेश के अनुसार, मामले का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने पिछले महीने एक बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया था कि प्रोफेसर हुसैन ने उस आवेदक को एक पत्र जारी करके कथित रूप से प्रक्रिया और आवश्यक मंजूरी को दरकिनार कर दिया जिसने जमीन के निपटान के लिए एनओसी मांगा था.
पहले भी चर्चा में रहे प्रोफेसर इकबाल हुसैन
जामिया के प्रो वाइस चांसलर और उसके बाद कार्यवाहक वीसी के रूप में प्रोफेसर इकबाल हुसैन की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नियुक्तियां संबंधित कानून के अनुरूप नहीं की गई थीं. कोर्ट के इस फैसले के कुछ घंटे के बाद जामिया ने प्रोफेसर मोहम्मद शकील को अपना कार्यकारी कुलपति नियुक्त किया था.
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