जामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने सुबह 4 बजे हिरासत में लिया, किले में तब्दील विश्वविद्यालय
Jamia University News: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. यहां प्रशासन ड्रोन से भी निगरानी कर रहा है.

Jamia University Protest: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) में पीएचडी के 2 छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए पुलिस ने 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया है. पीएचडी छात्रों को पिछले साल विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया गया था. इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन सोमवार को शुरू हुआ.
इस बीच यूनिवर्सिटी प्रसाशन ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने ‘सेंट्रल कैंटीन’ समेत यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया, जिससे प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
सुबह चार बजे हुई कार्रवाई
पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन से अनुरोध मिलने के बाद हमने सुबह चार बजे 10 से अधिक छात्रों को विरोध प्रदर्शन स्थल से हटाया. इसके अलावा, हमने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिसर के बाहर काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए हैं.” छात्रों को कालकाजी, सनलाइट कॉलोनी और बदरपुर तीन अलग-अलग थानों में ले जाया गया है.

प्रशासन और पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है. यूनिवर्सिटी के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों को तैनात किया गया है, जबकि दिल्ली पुलिस ड्रोन के जरिए लगातार हालात पर नजर रख रही है.
छात्रों की क्या हैं मांगें?
यह विरोध प्रदर्शन पिछले कई दिनों से जारी है, जिसमें छात्र संगठन विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं.
● सौरभ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई रद्द की जाए – छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर छात्र नेता कॉमरेड सौरभ के खिलाफ अनुशासन समिति की सुनवाई कर रहा है, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.
● शो कॉज नोटिस वापस लिया जाए – कई छात्रों को प्रशासन द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की जा रही है.
● छात्रों की आवाज दबाने की प्रक्रिया बंद की जाए – प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन विरोध करने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहा है.
● कैंपस में पोस्टर और ग्रैफिटी बनाने की आज़ादी दी जाए – यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दीवारों पर पोस्टर और ग्रैफिटी लगाने पर रोक लगा दी है, जिसे छात्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं.
● शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा की जाए – छात्रों का कहना है कि उन्हें अपने मुद्दों पर आवाज उठाने का संवैधानिक अधिकार है, जिसे किसी भी स्थिति में छीना नहीं जाना चाहिए.
● छात्रों को प्रताड़ित करने की नीतियों को रोका जाए – प्रदर्शनकारी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन छात्र नेताओं को डराने और धमकाने की कोशिश कर रहा है.
ड्रोन से रखी जा रही स्थिति पर नजर
विश्वविद्यालय के बाहर दंगा नियंत्रण वाहन (Riot Control Vehicles) तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी संभावित हिंसा को रोका जा सके. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस द्वारा ड्रोन के जरिए प्रदर्शन स्थल की लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके.
जामिया ने छात्रों के प्रदर्शन को लेकर कही ये बात
जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) प्रशासन ने कहा कि 10 फरवरी 2025 की शाम से एक छोटे समूह ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और एकेडमिक ब्लॉक में अवैध रूप से जमा हो गए. तब से, उन्होंने न केवल विश्वविद्यालय के एकेडमिक ब्लॉक में शांतिपूर्ण कक्षाओं के संचालन को बाधित किया है, बल्कि अन्य छात्रों को सेंट्रल लाइब्रेरी में एंट्री करने और क्लासेज अटेंड करने से भी रोका वह भी ऐसे समय में जब मिड-सेमेस्टर परीक्षाओं की शुरुआत होने वाली है.

विश्वविद्यालय प्रशासन का आरोप है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने पिछले दो दिनों में विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें केंद्रीय कैंटीन और सुरक्षा सलाहकार के गेट को तोड़ना भी शामिल है. उन्होंने विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया है और अपने साथ प्रतिबंधित सामग्री ले जाने के दोषी पाए गए हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की संपत्ति एवं दीवारों को नुकसान पहुंचाने और कक्षाओं में बाधा उत्पन्न करने के मामले में सख्त रवैया अपनाया है, ताकि विश्वविद्यालय कक्षाएं और अन्य एकेडमिक एक्टिविटी को सामान्य रूप से संचालित किया जा सके.
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