Gandhi Jayanti 2023: जामिया मिलिया इस्लामिया में गांधी जयंती पर हुआ कठपुतली शो, लगाई गई फोटो प्रदर्शनी
Delhi News: महात्मा गांधी की शिक्षाओं की स्मृति में स्कूल द्वारा आयोजित एक विशेष सभा में कर्मियों और छात्रों ने भाग लिया. इसमें स्कूल के बच्चों द्वारा गीत और नृत्य की प्रस्तुति की गई.
Mahatma Gandhi Birthday: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 154वीं जयंती पर दो अक्टूबर सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) में कठपुतली शो समेत कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस मौके पर विश्वविद्यालय के डॉ. जाकिर हुसैन पुस्तकालय और डीन छात्र कल्याण कार्यालय (DSW) ने संयुक्त रूप से 'महात्मा गांधी के जीवन और कार्यों' पर एक व्याख्यान और एक प्रदर्शनी आयोजित की और "महात्मा गांधी: एक ग्रंथ सूची'' शीर्षक नाम से एक प्रकाशन भी जारी किया गया, जिसमें महात्मा गांधी से संबंधित विद्वतापूर्ण कार्यों की सूची शामिल है.
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कार्यवाहक कुलपति, प्रो. इकबाल हुसैन ने प्रो. सीमी फरहत बसीर, डीएसडब्ल्यू और डॉ. सुफियान अहमद, ऑफग की उपस्थिति में किया. इस दौरान जामिया के शिक्षा संकाय के पूर्व डीन प्रो. एम. अख्तर और सम्मानित अतिथि प्रो. अख्तर सिद्दीकी ने जामिया के निर्माण में महात्मा गांधी की भूमिका पर केंद्रित गांधी और जामिया पर एक व्याख्यान दिया. प्रोफेसर सीमी फरहत बसीर ने भी महात्मा गांधी की विचारधारा की प्रासंगिकता पर केंद्रित वक्तव्य लोगों के सामने रखा.
फोटो प्रदर्शनी से JMI के साथ महात्मा गांधी के जुड़ाव को दर्शाया
फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया कि, कैसे महात्मा गांधी ने औपनिवेशिक शासन से भारत की आजादी के सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए असहयोग प्रतिरोध का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं JMI के साथ उनके जुड़ाव के बारे में भी बताया गया. प्रदर्शनी के दौरान उनके कुछ निजी हस्तलिखित पत्र और उनके समाचार पत्र 'यंग इंडिया' की एक प्रति भी प्रदर्शित की गई. यह प्रदर्शनी सात अक्टूबर 2023 तक डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी, जेएमआई के प्रदर्शनी हॉल में देखी जा सकेगी. वहीं, जेएमआई के प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्यिक केंद्र (जेपीएएलसी) ने जामिया के साथ महात्मा गांधी के संबंधों पर "जिनकी सरपरस्ती की ठंडी छांव में" शीर्षक से एक प्रदर्शनी आयोजित की.
स्कूल परिसर में भी मनाई गई गांधी जयंती
अभिलेखागार की होल्डिंग्स के माध्यम से बनाई गई प्रदर्शनी नए शैक्षिक दृष्टिकोण पर केंद्रित थी, जिसके महात्मा गांधी, JMI और खास तौर पर डॉ. जाकिर हुसैन के साथ काम के दौरान पक्षधर रहे. इस दृष्टिकोण के केंद्र में 'करके सीखना' का विचार था. प्रदर्शनी में जामिया के शुरुआती दशकों के दौरान अपने हाथों से काम करने वाले छात्रों की अभिलेखीय तस्वीरें प्रदर्शित की गईं. यह प्रदर्शनी, महीने के अंत तक खुली रहेगी, इसका उद्घाटन कार्यवाहक कुलपति प्रो. (डॉ.) इकबाल हुसैन ने किया. कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुशीर फातमा नर्सरी स्कूल, जामिया ने स्कूल परिसर में उत्साह और उमंग के साथ गांधी जयंती मनाई.
महात्मा गांधी की शिक्षाओं की स्मृति में स्कूल द्वारा आयोजित एक विशेष सभा में कर्मियों और छात्रों ने भाग लिया. इसमें स्कूल के बच्चों द्वारा गीत और नृत्य की प्रस्तुति की गई. महात्मी गांधी के तीन बंदरों - 'मिजारू' जो बुरा नहीं देखता, 'किकाजारू' जो बुरा नहीं सुनता, 'इवाजारू' जो बुरा नहीं बोलता, के सिद्धांत को दर्शाता एक कठपुतली शो भी बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया. कक्षाओं में एक कला/शिल्प गतिविधि भी आयोजित की गई. इसने स्वतंत्रता आंदोलन में भारत के मुक्ति संग्राम में महात्मा गांधी के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया.