नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर समस्या तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते और दशकों से चली आ रही इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं ढूंढते.उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम एकजुट नहीं होंगे,तब तक भारत तरक्की नहीं कर पाएगा और मजबूत नहीं बन पाएगा.
फारूक अब्दुल्ला ने कहां कही यह बात
दिल्ली में रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की किताब ‘अ लाइफ इन द शैडोज: अ मेमॉयर’ के विमोचन कार्यक्रम के दौरान 85 साल के अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की. दुलत 2000 में सेवानिवृत्त हुए थे.नेकां प्रमुख ने कहा,''भारत एक अनोखा देश है और यह इसलिए है, क्योंकि हम सब मिलकर सोचते हैं...हमें गांधी के सपनों के भारत में लौटना होगा...अगर देश को प्रगति करनी है तो विभाजन को समाप्त करना होगा. जब तक हम एकजुट नहीं होंगे,देश कभी मजबूत नहीं बनेगा.''
कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा,''कश्मीर की समस्या खत्म नहीं होगी...और मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आतंकवाद तब तक बना रहेगा,जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते और इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं निकालते.''
अटल बिहारी वाजपेयी को दी थी यह सलाह
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में पाकिस्तान की यात्रा करने से पहले उनकी राय मांगी थी,तब उन्होंने दोनों देशों के एकजुट होने का एक ही संदेश दिया था.उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने भी हाल ही में खुले तौर पर कहा था कि युद्ध किसी भी चीज का समाधान नहीं है.पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान देश में हो रहे कुछ मौजूदा घटनाक्रमों पर नाराजगी भी जताई. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.मैं कभी भी इस बारे में सोच भी नहीं सकता था.
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