Krishna Janmashtami 2024: देशभर में जन्माष्टमी के मौके पर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए हर्षोल्लास और भक्ति में डूबे भक्त सोमवार (26 अगस्त) सुबह से ही मंदिरों में उमड़ने लगे. दिल्ली के कई मंदिरों में वातावरण ‘हरे कृष्ण’ के जयकारे और भजनों से वातावरण गूंज उठा और श्रद्धालु मधुर संगीत पर नाचते-गाते रहे. भगवान कृष्ण और राधा की वेशभूषा में सजे बच्चे अपने माता-पिता के साथ मंदिरों में पहुंचे.
जन्माष्टमी के अवसर पर लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) को रोशनी से सजाया गया. शहर के प्रमुख मंदिरों में कई विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिनमें थाईलैंड जैसे देशों से आयातित फूलों से मंदिरों की सजावट भी शामिल है. कई इलाकों में भगवान कृष्ण की झांकियां भी प्रदर्शित की गईं.
छतरपुर मंदिर में रूस-यूक्रेन युद्ध की थीम पर एक ‘नृत्य नाटिका’ का मंचन किया गया, जिसमें विश्व शांति का संदेश दिया गया. छतरपुर मंदिर के सीईओ किशोर चावला ने कहा,‘‘हमने सुबह नृत्य नाटिका का मंचन किया. इस नृत्य नाटिका का विषय रूस-यूक्रेन युद्ध है. इसके माध्यम से हमारा उद्देश्य भगवान कृष्ण द्वारा बताए गए विश्व शांति के संदेश को फैलाना है.
ईस्ट ऑफ कैलाश’ स्थित इस्कॉन मंदिर में ‘महापूजा’ की गई और भगवान को 1,008 अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगाया गया. इस्कॉन के उपाध्यक्ष व्रजेंद्र नंदन दास ने कहा, ‘‘सुबह 4:30 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. हमने पूरे दिन दर्शन की व्यवस्था की. रात 9:30 बजे हम महा अभिषेक पूजा करेंगे और रात 11:30 बजे 1,008 व्यंजनों का भोग लगाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘अंत में मध्य रात्रि में महाआरती होगी और कृष्ण नाम का जाप होगा.’’ दास ने कहा, ‘‘मंदिर ने भगवान कृष्ण के विग्रह के लिए विशेष रूप से वृंदावन से वस्त्र मंगवाया है और मंदिर की सजावट बेंगलुरु और थाईलैंड से मंगाए गए फूलों से की गई है. यह भक्तों के लिए एक भव्य नजारा होगा.’’ मंदिरों ने भी भक्तों के लिए सुचारु दर्शन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय लागू किए हैं.
दास ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने 500 अधिकारियों को तैनात किया है, जिन्हें हमारे अपने सुरक्षा कर्मी सहयोग कर रहे हैं और 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. भक्तों की सुरक्षा के लिए चिकित्सकों और एम्बुलेंस की एक टीम को तैयार अवस्थ में रखा गया है.’’ दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने सभी मंदिरों में व्यापक व्यवस्था की है और परिसर के चारों ओर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
एक अधिकारी ने बताया कि बिरला, इस्कॉन और छतरपुर जैसे प्रमुख मंदिरों में स्थानीय पुलिस को स्वयंसेवकों के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है ताकि उत्सव के दौरान अराजकता और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
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