JNU Delhi: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने जूनियर रिसर्च फैलो के लिए खोला आवेदन पोर्टल, इस तारीख तक कर दें अप्लाई
JNU JRF Applications: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने जेआरएफ कैटेगरी के अंडर आने वाले पीएचडी एप्लीकेशंस के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया है. इस तारीख के पहले भर दें फॉर्म.
JNU JRF Application Portal Open: दिल्ली (Delhi) की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) ने जेआरएफ (JNU JRF) कैटेगरी के अंडर आने वाले पीएचडी (JNU PhD Applications) एप्लीकेशंस के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन पोर्टल (JNU PhD Applications Online Portal) खोल दिया है. जेएनयू से जेआरएफ (JNU JRF Admissions 2022) के अंतर्गत पीएचडी की डिग्री पाने के लिए कैंडिडेट्स 23 सितंबर 2022 तक अप्लाई कर सकते हैं. ऐसे कैंडिडेट्स का सेलेक्शन अलग से होगा और इन्हें एंट्रेंस नहीं देना होगा बल्कि इंटरव्यू के माध्यम से कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.
ये कैंडिडेट्स भी हैं एलिजिबल –
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक वे कैंडिडेट्स जिन्होंने गेट परीक्षा पास कर ली है और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के पीएचडी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं. वे भी इस पोर्टल के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी के प्रॉस्पेक्ट्स में दी जानकारी के मुताबिक जेआरएफ क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स को कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट यानी सीबीटी नहीं देना होगा. उनको जेआरएफ कैटेगरी के अंतर्गत अलग से अप्लाई करना होगा. ऐसे कैंडिडेट्स को सीधा वीवा-वॉयस के लिए बुलाया जाएगा. गेट परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स को अलग से गेट-क्वालीफाइड कैंडिडेट्स की कैटेगरी में अप्लाई करना होगा.
नॉन-जेआरएफ कैंडिडेट्स को देनी होगी परीक्षा –
नॉन-जेआरएफ कैंडिडेट्स को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी एग्जाम देना होगा. इस परीक्षा को पास करने के लिए जनरल और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए पासिंग मार्क्स 50 प्रतिशत हैं. जबकि एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए पासिंग मार्क्स 45 प्रतिशत हैं. केवल सीबीटी परीक्षा पास कर लेने से ही कैंडिडेट्स को वीवा-वॉयस के लिए नहीं बुलाया जाएगा. बल्कि जनरल कैटेगरी के लिए ये टोटल इनटेक का पांच गुना अधिक होना चाहिए.
ऐसे बनेगी लिस्ट –
जेएनयू ने ये भी कहा कि अगर सीबीटी और वीवा- वॉयस के अंक एक जैसे आते हैं तो मेरिट लिस्ट को सीबीटी में आने वाले हायर अंकों की सहायता से तैयार किया जाएगा. अगर टाई होती है तो पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में आए अंकों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद भी टाई होता है तो ग्रेजुएशन के अंकों को आधार बनाया जाएगा.
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