नोएडा सेक्टर 134 स्थित जेपी कोसमोस के रेजिडेंट्स की मुसीबत उस वक्त बढ़ गई जब मेंटिनेंस की जिम्मेदारी से सुरक्षा रियलिटी लिमिटेड ने हाथ खींचने का फैसला किया. हालांकि, जेपी कोसमोस अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) ने इसका जोरदार विरोध किया है. 31 दिसंबर को एओए के सदस्य समेत सोसाइटी के लोगों ने काफी संख्या में सुरक्षा रियलिटी के ऑफिस पर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया.
जिसके बाद इस पर अगली बैठक 6 जनवरी 2025 को बुलाई गई है. ये बैठक नोएडा अथॉरिटी के ऑफिस में होगी. एबीपी लाइव से बात करते हुए जेपी कोसमोस के एओए के प्रसिडेंट धर्मेन्द्र कुमार चौधरी और इसकी सदस्य कविता ने बात की. उन्होंने बताया कि चूंकि इस वक्त जेपी कोसमोस में करीब 4 हजार से ज्यादा फैमिली रहती है. ऐसे में जेपी इन्फ्राटेक को सुरक्षा लि. ने ले लिया था. पहले इस सोसाइटी के मेंटिनेंस का काम JEL करती थी (जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड), जिसे एफएमजी के नाम से जानते हैं. उन्होंने ये फरमान जारी किया है कि 1 जनवरी 2025 से हैंडओवर ले लीजिए.
धर्मेन्द्र चौधरी ने बताया कि इन्होंने मेंटिनेंस हैंडओवर के लिए सिर्फ 15 दिन का वक्त दिया है, जो काफी कम समय है. जबकि, ऐसे मामलों में करीब पांच से छह महीने का वक्त रहता है. ऐसे मामलों में बहुत सारी चीजों का पता लगाना जरूरी है, जैसे- स्ट्रक्चरल ऑडिट्स, सोसाइटी की लिफ्ट्स के ऑडिट, एसेट्स ऑडिट, फाइनेंशियल ड्यू डिलिजेंस ऑडिट... ऐसे कई चीजें हैं. वो सारे डॉक्यूमेंटेशन करने के बाद ही सुरक्षा लि. से हैंडओवर लेने की स्थिति में होंगे.
हालांकि, जब सुरक्षा लि. की तरफ से इस बात पर सहमति नहीं बनी और वे अपनी बातों पर अड़े रहे कि 1 जनवरी से ही हैंडओवर सोसाइटी के एओए को लेना पड़ेगा, उसके बाद इस बारे में नोएडा अथॉरिटी को बताया गया है.
दूसरी एक दिक्कत ये भी है कि कोई क्लब सोसाइटी में नहीं बना, 47 में से अभी भी 14 टावर अंडरकंस्ट्रक्शन है. बाकी 33 टावर की स्थिति भी जर्जर है. बिजली के जीएसएस सिस्टम नहीं लगे हुए हैं. बैकअप में दिक्कत है. लिफ्ट खराबी की अलग समस्या है. एओए ने बताया कि अथॉरिटी के ऑफिस में जो भी फैसला होगा उसे हमें भी मान्य होगा और सुरक्षि लि. को भी मानना होगा.