JEE-MAINS Update: IIT-NIT में दाखिले के लिए टॉप 20 पर्सेंटाइल छात्रों को नहीं होगी 75 प्रतिशत अंकों की जरूरत, ऑनलाइन पंजीकरण 12 जनवरी को होगा समाप्त
हर शिक्षा बोर्ड के शीर्ष 20 पर्सेंटाइल छात्र जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होंगे, भले ही उन्हें 12वीं में 75 प्रतिशत अंक न मिले हो. शेष छात्रों के लिए कम से कम 75 प्रतिशत अंक होने का नियम है.

JEE-MAINS Eligibility: प्रत्येक शिक्षा बोर्ड के शीर्ष 20 पर्सेंटाइल छात्र अब जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होंगे, भले ही उन्होंने 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल नहीं किए हों या नहीं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. यह निर्णय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में दाखिला पाने के इच्छुक छात्रों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-एडवांस्ड को लेकर पात्रता मानदंड में ढील देने की निरंतर मांगों की पृष्ठभूमि में आया है. जेईई-एडवांस्ड में बैठने के लिए संबंधित शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा में कुल मिलाकर कम से कम 75 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता होती है.
टॉप 20 पर्सेंटाइल छात्र होंगे जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र
एक सूत्र ने बताया, ‘‘20 पर्सेंटाइल मानदंड से उन उम्मीदवारों को मदद मिलेगी, जिन्होंने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कुल 75 प्रतिशत से कम अंक हासिल किए होंगे. विभिन्न राज्यों के बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल उम्मीदवारों में से कई 75 प्रतिशत अंक या 350 से कम अंक लाते हैं. मंत्रालय ने फैसला किया है कि अगर कोई छात्र शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में शामिल है, तो वह जेईई एडवांस्ड के पात्र है.’’ जेईई-मेन के प्रथम संस्करण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 12 जनवरी को समाप्त होगा. परीक्षा 24 से 31 जनवरी के बीच आयोजित की जाएगी.
दिसंबर में लागू किया था 75 फीसदी अंकों का नियम
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर इंजीनियरिंग (JEE Main Exam) देने वाले कैंडिडेट्स के लिए फिर से 75 फीसदी अंकों का नियम लागू कर दिया गया है. अगर कैंडिडेट के बारहवी में 75 प्रतिशत से कम अंक होंगे तो उसे मेरिट सूची में स्थान नहीं मिलेगा. ये नियम जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए है जबकि आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स को कम से कम 65 प्रतिशत अंक लाने होंगे तभी उन्हें मेरिट में स्थान मिलेगा. जेईई मेन परीक्षा के लिए ये नियम पहले भी लागू था लेकिन पिछले दो सालों में कोविड के कारण इस नियम में छूट दे दी गई थी. पिछले दो सालों में अगर कैंडिडेट के 12वीं में 74 प्रतिशत अंक नहीं भी आते हैं और जेईई मेन में उसका सेलेक्शन हो जाता है तो इसे एडमिशन के लिए पात्र माना जाता था. अगर कैंडिडेट जेईई मेन में सेलेक्ट हो भी जाता है पर बोर्ड रिजल्ट आने के बाद उसके अंक 75 प्रतिशत से कम होते हैं तो उसे मेरिट सूची में स्थान नहीं मिलेगा. हालांकि अब हर शिक्षा बोर्ड के शीर्ष 20 पर्सेंटाइल छात्र अब जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होंगे, भले ही उन्होंने 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल नहीं किए हों या नहीं.
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