Delhi: जेएनयू में फिर विवाद, 'बाबरी मस्जिद दोबारा बनेगी' नारा मिटाने के बाद सिक्योरिटी अलर्ट
Security Alert in JNU: जेएनयू एनएसयूआई (JNU NSUI) इकाई ने इस मसले पर कहा है कि यह घटना हमारे संगठन को बदनाम करने की साजिश है. यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए.
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के लैंग्वेज स्कूल की एक दीवार पर बाबरी मस्जिद के दोबारा निर्माण संबंधी नारा सामने आने के बाद से एक बार फिर तनाव का माहौल है. बाबरी मस्जिद दोबाना बनाने वाले नारे को पेंट कर दिया गया है. इतना ही नहीं, शुक्रवार को विश्वविद्यालय ने किसी भी प्रकार के नारे या भित्तिचित्र को हटाने के लिए परिसर की सभी दीवारों को पेंट करने का आदेश दिया है. यह मामला सामने आने के बाद जेएनयू प्रशासन ने कैंपस में अलर्ट जारी कर दिया है. विवादास्पद नारेबाजी और दीवारों को नुकसान पहुंचाने की बार-बार होने वाली घटनाओं की जांच करने वाली समिति के साथ बैठक में प्रशासन ने अधिकारियों से विश्वविद्यालय के तहत आने वाले सभी संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कहा.
जांच कमेटी को 7 दिन के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''हमने समिति के सदस्यों से सभी संस्थानों का दौरा करने और संबंधित डीन के साथ चर्चा के बाद प्रत्येक संस्थान में सीसीटीवी कैमरों की आवश्यकताओं पर अगले एक सप्ताह में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
विवादिल क्षेत्र में लगाए जाएंगे सीसीटीवी
जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने किसी भी तरह के नारे या भित्तिचित्र को हटाने के लिए परिसर की सभी दीवारों को फिर से पेंट करने का आदेश दिया है. साथ ही चिह्नित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. विश्वविद्यालय के छात्रों के मुताबिक प्रशासन ने बृहस्पतिवार शाम उन दीवारों पर सफेदी करा दी, जिन पर यह नारा लिखा हुआ था. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया में स्वतंत्रता सेनानियों और दो प्रधानमंत्रियों के रेखाचित्र भी मिटा दिए गए.
एनएसयूआई ने की जांच की मांग
एनएसयूआई-जेएनयू ने इस मसले पर कहा है कि यह घटना हमारे संगठन को बदनाम करने की साजिश है. एनएसयूआई दुर्भावनापूर्ण और विघटनकारी कृत्य की निंदा करता है. इस मामले में हमारी राय स्पष्ट है कि किसी संगठन की दीवार के रेखाचित्रों को विरूपित करना कोई सामाजिक-राजनीतिक संदेश देने का तरीका नहीं है. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने एक बयान जारी कर बताया है कि हम विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की भी मांग करते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरू में सोशल मीडिया पर प्रसारित भित्तिचित्रों की तस्वीरों को विश्वविद्यालय से होने से इनकार किया, लेकिन बाद में कहा अगर इसे परिसर में चित्रित किया गया था तो इसकी जानकारी नहीं थी.