JNUSU Protest: जवाहर लाल विश्वविद्यालय में छात्रों की भूख हड़ताल का आज 15वां दिन है. भूख हड़ताल के कारण जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय और काउंसलर नीतीश का वजन गिर गया है. नीतीश का करीब 7 किलो वजन कम हुआ है. वहीं, धनंजय जॉन्डिस और यूटीआई जैसी बीमारियों की चपेट में आ गये हैं. बीमारी और वजह में गिरावट के बावजूद दोनों छात्र अपनी मांगों को लेकर अब भी डटे हुए हैं. 


भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की मुख्य मांगें-


1. जेएनयू प्रवेश परीक्षा (JNUEE) की बहाली


2. प्रदर्शन करने पर जुर्माने का प्रावधान हटाया जाए


3. परिसर की जातिगत जनगणना करवाई जाए


4. मेरिट-कम-मीन्स (एमसीएम) छात्रवृत्ति में वृद्धि


5. दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार किया जाए


6. नॉन NET की फेलोशिप 20 हजार की जाए


7. एमफिल एमटेक की फेलोशिप दोबारा लागू हो


जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति दो हजार पर अटकी हुई है. महंगाई के दौर में दो हजार की फेलोशिप से क्या होता है. बराक हॉस्टल भी छात्रों को नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परिसर में जातिगत जनगणना का डेटा जारी किया जाये.


धनंजय ने बताया कि 10वें दिन कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की थी. उन्होंने छात्रों की चार मागों को मानने पर स्वीकृति दी. स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को एक्रीडेशन दिलवाने, स्टूडेंट फैकल्टी इलेक्शन करवाने और जातिगत जनगणना की मांग मानी गई है. पार्थसारथी रॉक्स को प्रदर्शन के लिए खोला गया है. जेएनयू प्रवेश परीक्षा प्रणाली को बहाल करने पर कुलपति ने समय मांगा है.


उन्होंने आश्वासन दिया है कि अगले साल से जातिगत जनगणना करवाएंगे. धनंजय ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ को लिखित में आश्वासन चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि तबियत बिगड़ने की जिम्मेदार कुलपति होंगी. काउंसलर नीतीश ने कहा कि छात्रों की सबसे बड़ी मांग जेएनयू प्रवेश परीक्षा प्रणाली की बहाली है. एनटीए की तरफ से आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं. यूजी, पीजी और पीएचडी की परीक्षा एक साथ होती थी. अब किसी का कुछ अता पता नहीं है. 


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