World Environment Day: JNU छात्रों की नई पहल, पर्यावरण असंतुलन दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस से की 'सकोरा' की शुरुआत
World Environment Day News: प्रकृति और मानव जीवन के बीच बढ़ते असंतुलन को दूर करने के लिए पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को सभी के लिए प्राथमिकता के साथ निभाने की जरूरत.
Delhi News: आज विश्व पर्यावरण दिवस है. इस अवसर पर अनेक सामाजिक संस्थाओं और सरकारों द्वारा अपने पर्यावरण को हरा-भरा रखने के लिए अपील की जा रही है. वैसे हमारे आसपास ऐसे कई लोग ऐसे भी हैं जो पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को भली-भांति समझते हैं. उन्हें इस बात का बहुत कम समय में ही एहसास हो जाता है कि मनुष्य का जीवन प्रकृति के अन्य जीव जंतुओं से ही मिलकर पूरा होता है. यूं कह लें कि हमारा भी जीवन उन पर बहुत हद तक निर्भर रहता है.
इस बात का जिक्र करना यहां इसलिए जरूरी है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पढ़ने वाले छात्रों द्वारा जानवरों और पक्षियों की प्यास को बुझाने के लिए बहुत ही अच्छी पहल किया जा रहा है. इससे संबंधित ऑडियो आज के दौर में दूसरे शिक्षण संस्थानों के साथ अन्य जगहों के लिए भी एक अच्छा उदाहरण है. बढ़ते शहरीकरण की वजह से प्रकृति और मानव जीवन के बीच बढ़ते असंतुलन के कई प्रमाण सामने आ रहे हैं. आवश्यकता है कि हम जीवन के भागमभाग भरे दौर में पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दें और उसे हर हाल में निभाए .
JNU के 100 जगहों पर सकोरा
दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा एक अच्छी पहल की शुरुआत की गई है. SFD ( स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट ) द्वारा जानवरों और पक्षियों के लिए विश्वविद्यालय परिसर में 100 से अधिक जगहों पर सकोरा ( बर्तन ) रखा गया है, जिसमें प्यास से तड़प रहे पशु पक्षी आसानी से उस बर्तन में रखें पानी को पी सकें. आज के दौर में इस पहल को विश्वविद्यालय परिसर के अलावा अन्य जगहों पर भी बढ़ाना देने की जरूरत है.
पशु-पक्षियों के बिना जीवन अधूरा
SFD दिल्ली संयोजक मंजुल पंवार ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा जीवन पशु-पक्षियों के बिना पूरी तरह से अधूरा है. हम सबका दायित्व है कि हम इनके खाने पीने और अन्य देखभाल के प्रति जिम्मेदार रहें. इन्हीं दायित्व को ध्यान में रखते हुए SFD की तरफ से हमारे साथियों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में सकोरा ( पानी पीने के लिए बर्तन ) रखने को लेकर एक पहल की शुरुआत की कई है. इस पहल के तहत अब तक हमने 100 से अधिक जगहों पर सकोरा रख भी दिया है. प्रत्यक्ष तौर पर इसका उपयोग भी देखा जा सकता है. हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय परिसर के अलावा अन्य जगहों पर भी जानवरों और पक्षियों के लिए इसे रखने का कार्य किया जाएगा.