IASA-JNUSU Protest Sanbhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है. इसको लेकर मंगलवार (26 नवंबर) को आइसा (AISA) के कार्यकर्ताओं और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया. हालांकि, पुलिस ने इस प्रदर्शन को आगे बढ़ने से रोक दिया. प्रदर्शन के दौरान छात्र हाथ में प्लेकार्ड और पोस्टर लेकर संभल हिंसा पर विरोध जता रहे थे. 


छात्रों के प्लेकार्ड पर लिखा था ' योगी आदित्यनाथ, संभल के मुसलमान युवाओं की मौत के जिम्मेदार हैं!', ' इस घटना के लिए सीधे तौर पर लेफ्ट छात्र योगी सरकार पर निशाना साधते हुए और सवाल पूछते हुए नजर आए. छात्रों का सवाल है कि आखिर क्यों इस तरह की हिंसा हो रही है? प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. 


दरअसल, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार संभल में हिंसा के कारण चार लोगों की मौत हो हुई है. जबकि सुरक्षाकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों सहित करीब दो दर्जन लोग घायल हिंसक घटना में घायल हुए हैं.


छात्रों ने पुलिस ने लगाए ये आरोप 


जेएनयू छात्र संघ (SFI) भी यूपी भवन में आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ. आइसा ने एक बयान में कहा,"संभल में यूपी पुलिस द्वारा पांच मुस्लिमों की हत्या के खिलाफ यूपी भवन के सामने विरोध प्रदर्शन में दिल्ली भर से छात्र शामिल हुए."


लेफ्ट छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन से यूपी भवन की ओर मार्च निकाला. छात्रों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनपर हमला किया और उन्हें हिरासत में ले लिया. जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय, आइसा दिल्ली राज्य सचिव नेहा समेत कई छात्रों को हिरासत में लिया गया. साथ ही उन्हें यह नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है.


न्याय मांगने की सजा कब तक दोगे?


JNU छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय अपने X अकाउंट पर प्रदर्शन को लेकर जानकारी देते हुए बताया, "न्याय मांगने की सजा कब तक दोगे? यूपी भवन पर न्याय की मांग कर रहे हम सभी को पुलिस बर्बरता से डिटेन करके बहुत दूर बवाना थाना ले जा रहे हैं. हमारे साथ कई महिला छात्रा भी हैं. संभल के निर्दोष लोगों की हत्यारी पुलिस पर अब कोई भरोसा नहीं है साथियों. आप सबसे इल्तजा है, इस लड़ाई को मजबूत करें." 


बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जमा मस्जिद का कोर्ट के आदेश के बाद सबसे पहले 19 नवंबर को सर्वेक्षण किया गया था. रविवार को सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के सामने दो समूहों में झड़प हो गई थी, जहां अज्ञात लोगों ने नारे लगाए और देखते ही देखते पत्थरबाजी हुई, जिसके बाद हालात काबू से बाहर हो गए. 


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