JNUSU Protest: यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के खिलाफ JNUSU का प्रदर्शन, जानें- JNUTA ने क्या कहा?
JNUSU Protes Over UGC NET Exam Cancelled: शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के खिलाफ जेएनयूएसयू और जेएनयूटीए प्रदर्शन किया. जेएनयूटीए ने परीक्षा को बहाल करने की मांग की.
JNUSU Protes News: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों ने शुक्रवार (21 जून) को यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के खिलाफ विरोध मार्च निकाला. छात्रों ने इस दौरान केंद्र सरकार की छात्र विरोधी नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. वहीं, जेएनयूटीए ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए जेएनयू प्रवेश परीक्षा को बहाल करने की मांग की है.
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूएसयू) के छात्रों ने 21 जून को यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के विरोध में विरोध मार्च निकाला. जेएनयूटीए ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) 2024 को रद्द करने की परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त की, जिसमें नौ लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे. इसका असर यह होगा कि पीएचडी दाखिले में देरी होगी और अकादमिक सत्र प्रभावित होगा.
शिक्षक संघ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह पहली बार था जब यूजीसी-नेट परीक्षा के जरिए विश्वविद्यालयों के पीएचडी कार्यक्रमों में एडमिशन होना था. यह यूजीसी द्वारा स्वयं की बनाई गई नीति है.
जेएनयू प्रवेश परीक्षा को बहाल करने की मांग
इस बार परीक्षा रद्द होने छात्रों के हित बुरी तरह से प्रभावित होंगे और शिक्षा सत्र भी समय से नहीं हो पाएगा. परीक्षा रद्द होने का मतलब है कि अब पीएचडी दाखिलों में भी देरी होगी और संस्थानों के शैक्षणिक कैलेंडर में गड़बड़ी होगी. छात्रों को अपने पहले प्रयास में ईमानदारी से परीक्षा देने के बावजूद दोबारा परीक्षा के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा. शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय ने पहले से आयोजित की गई जेएनयू प्रवेश परीक्षा को बहाल करने की मांग की है.
ये तो बताएं, गलत हुआ क्या?
जेएनयूटीए के बयान में कहा गया है कि यूजीसी-नेट परीक्षा में हुई चूक की बहुत कम जानकारी सार्वजनिक रूप से सामने आई है. हालांकि, इसे रद्द करने का तत्काल निर्णय केंद्र की राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसे किसी अन्य विवाद से बचने से प्रेरित हो सकता है, लेकिन छात्र और आम लोगों का यह जानने का अधिकार है कि क्या गलत हुआ?
दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के बाद परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी. एमएचए ने सुझाव दिया गया था कि परीक्षाओं की गोपनीयता से समझौता किया गया था. यह कदम नीट-यूजी के संचालन में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच उठाया गया, जिसके कारण देश भर के छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नीट-यूजी के संचालन में "गलत व्यवहार और भ्रष्टाचार" के खिलाफ राउज एवेन्यू स्थित बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. यादव ने सवाल उठाया कि केंद्र ने अनियमितताओं के बावजूद परीक्षा रद्द करने से इनकार क्यों किया, जबकि यूजीसी-नेट के साथ भी ऐसा ही किया गया.
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