JNU Student Protest: देश की सबसे प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते दिनों नए नियमों को लागू कर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन और राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके तहत प्रदर्शन करने पर 20 हजार रुपये, जबकि राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी में संलिप्त पाये जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने की बात कही गयी. जेएनयू प्रशासन के इस तुगलकी फरमान के बाद यहां के छात्रों एवं छात्र समूहों में रोष की भावना है और वे लगातार इसे वापस लेने की मांग कर इस आदेश पर विरोध जाहिर करते आ रहे हैं.


गंगा ढाबा से चंद्रभागा छात्रावास तक छात्रों ने निकाला मशाल जुलूस
इसी कड़ी में जेएनयू के छात्रों ने प्रॉक्टर कार्यालय की ओर से जारी की गई इस नई नियमावली के खिलाफ मशाल जुलूस निकाला. जुलूस के माध्यम से छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शित किया साथ ही जेएनयूएसयू चुनाव जल्द कराने की मांग की. इस मशाल जुलूस के लिए लगभग 150 छात्र विश्वविद्यालय के गंगा ढाबा पर एकत्र हुए और हाथों में जलती मशालें लेकर चंद्रभागा छात्रावास तक मार्च किया. इस दौरान छात्र नई नियमावली वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाते रहे.


14 छात्र संगठनों और छात्रावास अध्यक्षों ने मिलकर किया मार्च
बता दें कि, जेएनयूएसयू आइसा, एसएफआइ, एनएसयूआइ, डीएसएफ सहित लगभग 14 छात्र संगठनों ने छात्रावास अध्यक्षों के साथ मशाल जुलूस निकाल कर मुख्य प्रॉक्टर कार्यालय नियमावली का जोरदार विरोध किया, जिसमें कदाचार और अनुशासनहीनता की विभिन्न श्रेणियों की रूपरेखा दी गई है और निरुद्ध क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करने पर 20 हजार रुपये और राष्ट्रविरोधी नारेबाजी पर 10 हजार तक का जुर्माना लगाने की बात कही गयी है. 


नियमावली वापस नहीं लेने पर जारी रहेगा प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन कर रहे जेएनयूएसयू ने घोषणा की कि अगर नई नियमावली वापस नहीं ली गई और छात्रों के खिलाफ प्रॉक्टोरियल जांच बंद नहीं की गई तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और जरूरत पड़ी तो वे भूख हड़ताल पर भी बैठ सकते हैं. छात्र संघ ने कहा कि वे एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करेंगे और जल्द ही पिछले सप्ताह घोषित विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ कार्यकारी असहयोग की अपनी योजना की घोषणा करेंगे. 


जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, छात्र संघ मुद्दे को सुलझाने के लिए जेएनयू प्रशासन से बातचीत को तैयार है. उन्होंने कहा, जेएनयू प्रशासन ने कहा था कि पूर्व मामलों में छात्रों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन छात्रों को नोटिस भेजे जा रहे हैं.


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