Soumya Murder Case: पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में 15 साल बाद आया फैसला, जानें- माता-पिता ने क्या कहा?
Soumya Vishwanathan Murder Case Verdict: दिल्ली में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की साल 2008 में कार से घर लौटने के दौरान गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. अब 15 साल बाद इस मामले में फैसला आया है.
Delhi Journalist Murder Case: दिल्ली में साल 2008 में हुई पत्रकार सौम्या विश्वनाथन (Soumya Vishwanathan) की हत्या के मामले में अदालत ने चार आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक को दोषी करार दिया है. चार आरोपियों को मकोका प्रावधानों के तहत भी दोषी ठहराया गया. अदालत ने पांचवें आरोपी अजय सेठी (Ajay Sethi) को चोरी की संपत्ति लेने का दोषी ठहराया. वहीं अदालत ने सजा के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है. आरोपियों के दोषी करार दिए जाने के बाद मृतक पत्रकार की मां की प्रतिक्रिया सामने आई है.
सौम्या विश्वनाथन की मां ने कहा है कि हमने अपनी बेटी खो दी है लेकिन यह फैसला दूसरों के लिए भी एक निवारक के रूप में काम करेगा. वहीं उन्होंने दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा की मांग की है. वहीं उनके पिता ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि न्याया हुआ है. सौम्या विश्वनाथन टीवी टूडे नेटवर्क में काम करती थीं. 15 साल से परिवार को इंसाफ का इंतजार था. इससे पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने बचाव और अभियान पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
लूटपाट के लिए की गई थी हत्या
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को जब रात साढ़े तीन बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी. पुलिस ने दावा किया था कि इस हत्या का मकसद लूटपाट था. उनकी हत्या के मामले में पांच लोगों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लगाया था.
जिगिशा घोष की हत्या में शामिल थे आरोपी
पुलिस ने कहा कि आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन हत्याकांड की गुत्थी सुलझी. दरअसल साल 2009 में दिल्ली में ही एक और लड़की हत्या हुई. बीपीओ में काम करने वाली जिगिशा घोष की हत्या हुई थी. जिगिशा की हत्या 18 मार्च 2009 में हुई. सुबह करीब 4 बजे जिगिशा की ऑफिस की कैब ने उन्हें उनके घर के पास उतारा. वो अपने घर जा रही थी, लेकिन कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया. तीन दिन बाद 21 मार्च को सूरजकुंड में जिगिशा की लाश मिली.
अपहरण के बाद की गई थी जिगिशा की हत्या
जिगिशा मर्डर केस की जांच में 5 लोगों के नाम सामने आए. ये नाम- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी थे. इन्होंने जिगिशा का अपहरण कर उसका कत्ल किया था. कत्ल की जांच के दौरान ही पता चला कि इन्हीं पांचों ने कुछ महीने पहले सौम्या विश्वनाथन को भी मौत के घाट उतारा था.