कौन हैं कैलाश गहलोत, जिन्होंने आप को बड़ा झटका देते हुए चुनाव से पहले दिया इस्तीफा?
Kailash Gahlot Profile: पेशे से वकील कैलाश गहलोत का कहना है कि वह दिल्ली की जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए थे और वह यह काम आगे भी बरकरार रखना चाहते हैं.
Kailash Gahlot Resignation: कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया है. कभी भी उनके अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) या पार्टी के किसी अन्य सदस्य से नाराजगी के चर्चे नहीं रहे हैं. ऐसे में आप समर्थक उनके फैसले से चौंक गए हैं. आइए जानते हैं कौन हैं कैलाश गहलोत जिनके अचानक इस्तीफे से दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है.
दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से दो बार के विधायक कैलाश गहलोत पिछले दिनों उस वक्त चर्चा में आए थे जब 15 अगस्त को आतिशी की जगह एलजी विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें तिरंगा फहराने का अधिकार दिया था. कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के लोकप्रिय नेता और अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र रहे हैं. आतिशी को हाल ही में जब सीएम बनाया गया तो उन्हें एकबार फिर कैबिनेट में शामिल किया गया था.
निजी जीवन
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कैलाश गहलोत पेशे से वकील रहे हैं. वह सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत कर चुके हैं. 2005 से 2007 के बीच वह दिल्ली हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य रहे हैं. 50 वर्षीय कैलाश गहलोत जाट परिवार से आते हैं. उनकी दो बेटियां हैं.
राजनीतिक करियर
कैलाश गहलोत को 2015 में अरविंद केजरीवाल ने नजफगढ़ सीट से टिकट दिया था. उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने जीत दर्ज की और इनेलो को भारत सिंह को हराया. वह पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. जबकि 2020 में जीत दोहराते हुए कैलाश गहलोत ने बीजेपी के अजित सिंह खरखरी को हराया था. उस चुनाव में बीजेपी नेता अजित सिंह को 75,276 वोट मिले थे जबकि कैलाश गहलोत ने 81,507 वोट हासिल किए थे.
मंत्री पद
फरवरी 2015 में जब आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया. उन्हें अहम मंत्रालय दिया गया था. 2020 में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने तीसरी बार सरकार बनाई फिर कैलाश गहलोत को कैबिनेट के लिए चुना गया. आतिशी कैबिनेट में उन्हें कैलाश गहलोत के पास परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, होम और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी.
राजनीतिक भविष्य पर क्या बोले कैलाश गहलोत?
उधर, अरविंद केजरीवाल के नाम अपने इस्तीफे की चिट्ठी में कैलाश गहलोत ने यह कहा है कि वह दिल्ली की जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए थे और आगे भी दिल्ली की जनता की सेवा करना चाहते हैं. उनके इस बयान से जाहिर हो गया कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे. लेकिन आगे वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी का दामन थामेंगे यह साफ नहीं है.
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