कैलाश गहलोत के विभागों की किसे मिलेगी जिम्मेदारी? सामने आया बड़ा अपडेट
Kailash Gahlot Resigns: कैलाश गहलोत ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके विभाग किसे दिए जाएंगे. इसको लेकर स्थिति साफ हो गई है.
Kailash Gahlot Resignation: दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद के साथ आम आदमी पार्टी को भी अलविद कह दिया. अब सवाल ये है कि कैलाश गहलोत के विभागों की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.
दरअसल, कैलाश गहलोत के सारे विभाग मुख्यमंत्री आतिशी के पास रहेंगे. मुख्यमंत्री आतिशी ने इसको लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को प्रस्ताव भेजा है. कैलाश गहलोत के पास परिवहन, डब्ल्यूसीडी, गृह, प्रशासनिक सुधार और आईटी जैसे अहम मंत्रालय थे. अब इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री आतिशी संभालेंगी.
पार्टी से दिया इस्तीफा
बता दें कि आम आदमी पार्टी को रविवार को बड़ा झटका लगा. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस आशय का एक पत्र लिखते हुए पार्टी व सरकार पर कई आरोप भी लगाए.
'वादे पूरे करने में नहीं पार्टी की दिलचस्पी'
कैलाश गहलोत ने पत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी अपना समय केंद्र से विवाद करने में ही व्यतीत करती रहती है. यह हर समय केंद्र से आरोप-प्रत्यारोप में उलझी रहती है. इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं. गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी की रुचि जनता से किए वादों को पूरा करने में नहीं है. पार्टी अपना समय केवल केंद्र सरकार से वाद-विवाद करने में ही नष्ट करती रहती है. केंद्र सरकार से तालमेल न होने के कारण जनहित के कार्य नहीं हो पाते. जनता को जो सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, वह उसे नहीं मिल पाती.
सफाई का मुद्दा भी उठाया
गहलोत ने पत्र में यमुना सफाई का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जनता से वादा करने के बावजूद दस साल में भी हमारी सरकार इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा सकी. दिल्ली में यमुना की हालत बद से बदतर ही होती गई. दस सालों में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता ही गया.
'पूरा नहीं कर पाए वादा'
हम जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने लिखा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री व आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनता से वादा किया था कि पांच साल में यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि हम उसमें स्नान भी कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका. हमारी सरकार ऐसा करने में असफल रही.
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