दिल्ली यूनिवर्सिटी का कालिंदी कॉलेज अपने आप में एक नई पहल करने जा रहा है. यहां ट्रांसजेंडर सेल का निर्माण किया जाएगा जिसमें समाज के इस तबके के लोग अपने जीवन के संघर्ष और उतार-चढ़ावों को स्टूडेंट्स के साथ शेयर करेंगे. इस कोशिश का उद्देश्य स्टूडेंट्स को समाज के इस वर्ग के प्रति संवेदनशील बनाना है. एक समय था जब ट्रांसजेंडर्स को हमारी सोसाइटी में आम लोगों से भिन्न और हिकारत की नजर से देखा जाता था लेकिन बदलते समय के साथ समाज में इनकी स्वीकृति बढ़ी है.
कालिंदी कॉलेज की अनूठी पहल –
इस तरह की पहल करने वाला दिल्ली यूनिवर्सिटी का कालिंदी कॉलेज पहला कॉलेज होगा. कॉलेज की प्रिंसिपल नैना हसीजा के मुताबिक इस तरह के सेल का विचार फैकल्टी की एक सदस्य प्रोफेसर अनीता टैगोर ने रखा था, जिस पर विचार करने के बाद उसे स्वीकृत कर लिया गया है.
पहले वे समाज को लेकर थोड़ा डरी हुई ती पर बाद में उन्होंने इसे ये सोचकर अपनाया की समाज इस तबके को स्वीकर कर रहा है और अब जरूरत स्टूडेंट्स की जागरुकता बढ़ाने की है.
बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने कराया है रजिस्ट्रेशन –
कॉलेज की प्रिंसिपल ने इस बारे में आगे कहा कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और टीचर्स ने इस सेल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. करीब 300 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है. कॉलेज पांच दिनों के एक वेबिनार का आयोजन करेगा जिस दौरान ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के सदस्य अपने जीवन और संघर्षों के विषय में बात करेंगे.
बदलेगा स्टूडेंट्स का नजरिया –
प्रोफेसर हसीजा का मानना है कि इस तरह के आयोजन से स्टूडेंट्स इस कम्यूनिटी के बारे में गहराई से जान पाएंगे और उनके प्रति नजरिया बदलेगा जिससे उन्हें समाज में खुले दिल से स्वीकारा जाएगा. नई जेनरेशन जैसा सोचेगी वैसा ही समाज बनेगा.
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