एक्सप्लोरर

Kalkalji Temple: क्यों मशहूर है दिल्ली का कालकाजी मंदिर? जानें-सुबह-शाम आरती की टाइमिंग से लेकर सबकुछ

Kalkalji Temple History: कालकाजी मंदिर बहुत प्राचीन हिन्दू मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि वर्तमान मंदिर के प्राचीन हिस्से का निर्माण मराठाओं की ओर से सन् 1764 ईस्वी में किया गया था.

Kalkalji Mandir Delhi: कालकाजी मंदिर राजधानी दिल्ली का एक लोकप्रिय मंदिर है. कालकाजी मंदिर कालकाजी में स्थित है, जो देश के प्रसिद्ध लोटस टेंपल और इस्कॉन टेंपल के पास है. यह मंदिर कालका देवी, देवी शक्ति या दुर्गा के अवतारों में से एक को समर्पित है. अरावली पर्वत श्रृंखला के सूर्यकूट पर्वत पर विराजमान कालकाजी मंदिर के नाम से विख्यात 'कालिका मंदिर' देश के प्राचीनतम सिद्धपीठों में से एक है, जहां नवरात्र में हजारों लोग माता का दर्शन करने पहुंचते हैं.

इस पीठ का अस्तित्व अनादि काल से है. माना जाता है कि हर काल में इसका स्वरूप बदला. मान्यता है कि इसी जगह आद्यशक्ति माता भगवती 'महाकाली' के रूप में प्रकट हुई और असुरों का संहार किया, तब से यह मनोकामना सिद्धपीठ के रूप में विख्यात है. मौजूदा मंदिर बाबा बालकनाथ ने स्थापित किया था. उनके कहने पर मुगल सम्राज्य के कल्पित सरदार अकबर शाह ने इसका जीर्णोद्धार कराया.

कालकाजी मंदिर का इतिहास

कालकाजी मंदिर बहुत प्राचीन हिन्दू मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि वर्तमान मंदिर के प्राचीन हिस्से का निर्माण मराठाओं की ओर से सन् 1764 ईस्वी में किया गया था. बाद में सन् 1816 ईस्वी में अकबर के पेशकार राजा केदार नाथ ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया था. बीसवीं शताब्दी के दौरान दिल्ली में रहने वाले हिन्दू धर्म के अनुयायियों और व्यापारियों ने यहां चारों ओर अनेक मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया था. उसी दौरान इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप बनाया गया था. इस मंदिर का निर्माण यहां पर रहने वाले ब्राह्मणों और बाबाओं की भूमि पर किया गया है, जो बाद में इस मंदिर के पुजारी बने और यहां पूजा-पाठ का काम करने लगे. वर्तमान समय में यह दिल्ली शहर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.

श्रीकृष्ण ने पांडवों के साथ की थी आराधना

माना जाता है कि महाभारत काल में युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों के साथ यहां भगवती की अराधना की. बाद में बाबा बालकनाथ ने इस पर्वत पर तपस्या की, तब माता भगवती से उनका साक्षात्कार हुआ.

महाकाली ने रक्तबीज का किया था वध

मंदिर के महंत के अनुसार असुरों की ओर से सताए जाने पर देवताओं ने इसी जगह शिवा (शक्ति) की अराधना की. देवताओं के वरदान मांगने पर मां पार्वती ने कौशिकी देवी को प्रकट किया, जिन्होंने अनेक असुरों का संहार किया, लेकिन रक्तबीज को नहीं मार सकीं. इसके बाद पार्वती ने अपनी भृकुटी से महाकाली को प्रकट किया, जिन्होंने रक्तबीज का संहार किया. महाकाली का रूप देखकर सभी भयभीत हो गए. देवताओं ने काली की स्तुति की तो मां भगवती ने कहा कि जो भी इस स्थान पर श्रृद्धाभाव से पूजा करेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी.

कालकाजी मंदिर की वास्तुकला

कालकाजी मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण ईंट और संगमरमर के पत्थरों से किया गया. यह मंदिर पिरामिडनुमा आकार में बना हुआ है. मंदिर का सेंट्रल चैंबर पूरी तरह से संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है. इसका बरामदा 8 से 9 फुट तक चौड़ा है. इस बरामदे ने मुख्य मंदिर को चारों ओर से घेरा हुआ है. मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में माता का शक्ति पीठ विराजमान है. मंदिर के सामने बाहर आंगन में दो बाघों की मूर्ति बनाई गई है, जिसका निर्माण बलुआ पत्थरों से किया गया है. इन दोनों बाघों के नीचे संगमरमर का आसन बनाया गया है. इस मंदिर में काली देवी की एक पत्थर की मूर्ति भी स्थित है, जिस पर उनका नाम हिन्दी में लिखा हुआ है. उस मूर्ति के सामने एक पत्थर का बना हुआ त्रिशूल भी खड़ा किया गया है.

कालकाजी मंदिर की विशेषता

कालकाजी के मुख्य मंदिर में 12 द्वार हैं, जो 12 महीनों का संकेत देते हैं. हर द्वार के पास माता के अलग-अलग रूपों का चित्रण किया गया है. मंदिर के परिक्रमा में 36 मातृकाओं (हिन्दी वर्णमाला के अक्षर) के द्योतक हैं. माना जाता है कि ग्रहण में सभी ग्रह इनके अधीन होते हैं, इसलिए दुनिया भर के मंदिर ग्रहण के वक्त बंद होते हैं, जबकि कालकाजी मंदिर खुला होता है.

नवरात्र मेले में घूमती हैं माता

आम दिनों में इस मंदिर में वेदोक्त, पुराणोक्त और तंत्रोक्त तीनों विधियों से पूजा होती है. नवरात्र में यहां मेला लगता है. रोजाना हजारों लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. इस मंदिर में अखंड दीप प्रज्जवलित है. पहली नवरात्र के दिन लोग मंदिर से माता की जोत अपने घर ले जाते हैं. नवरात्र में रात 2:30 बजे सुबह की और शाम की आरती सात बजे होती है. मान्यता है कि अष्टमी और नवमी को माता मेला में घूमती हैं, इसलिए अष्टमी के दिन सुबह की आरती के बाद कपाट खोल दिया जाता है. इस दौरान दो दिन आरती नहीं होती है. दसवीं को आरती की जाती है.

सुबह-शाम इतने बजे होती है आरती

मंदिर सुबह 4:00 बजे से रात्री 11:00 बजे तक खुला रहता है, लेकिन दिन में 11:30 से 12:00 बजे के बीच 30 मिनट तक भोग लगाने के लिए यह मंदिर बंद रहता है. वहीं शाम को 3:00 से 4:00 बजे के बीच साफ-सफाई के लिए बंद रहता है. बाकी किसी भी समय इस मंदिर में पूजा-पाठ और दर्शन के लिए जा सकते हैं. इस मंदिर में सुबह और शाम को दो बार आरती की जाती है. शाम को होने वाली आरती को तांत्रिक आरती के रूप में जाना जाता है. मौसम के अनुसार आरतियों के समय में भी बदलाव होते रहता है. इस मंदिर में हर दिन अलग-अलग पुजारी पूजा-पाठ करते हैं.

क्या लगता है भोग 

माता के विशिष्ट भोग का समय सुबह 11:30 बजे होता है, जिसमें 6-7 तरह के व्यंजन और पकवान उन्हें चढ़ाया जाता है. वहीं आरती के वक्त बुरा और पंचमेवा का भोग लगाया जाता है, चूंकि माता को सात्विक, राजसी और तामसी तीनों तरह से भोग लगाया जाता है, इसलिए माता और यहां विराजमान भैरव को मंगलवार और सप्तमी के दिन को छोड़ कर सोमरस आज के समय में मदिरा भी चढ़ाया जाता है, वैसे ये आवश्यक नहीं होता है.

मशहूर शख्सियत पहुंचते हैं माता के दरबार में

मां कालका का ये मंदिर मनोकना मंदिर के नाम से भी मशहूर है, इसलिए आम से खास लोग मंदिर में मां के दर्शन और इच्छा पूर्ति के लिए आते रहे हैं, जिनमें बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों से लेकर राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज तक शामिल हैं.

ऐसे पहुंच सकते हैं मंदिर

मेट्रो से कालकाजी मंदिर दिल्ली का सफर करने के लिए वॉयलेट लाइन वाली मेट्रो से आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है. कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर उतर कर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं. सड़क मार्ग से कालकाजी मंदिर पहुंचने के लिए शहर के किसी भी कोने से दिल्ली परिवहन निगम की बसों, निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं. यह मंदिर दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध जगह नेहरू प्लेस के पास और ओखला-कालकाजी मेट्रो स्टेशन के बीच में स्थित है. कालकाजी मंदिर के पास कुछ और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है. मंदिर में दर्शन करने के बाद आप लोटस टेंपल, इंडिया गेट, अक्षरधाम और लालकिला जैसी जगहों पर घूम सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Nikki Yadav Murder Case: आरोपी साहिल को कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, फ्रिज में छुपा दी थी निक्की की लाश

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

कम सीटें या अजित पवार, बीजेपी के सामने सरेंडर क्यों हो गए शिंदे?शिंदे का सरेंडर, फिर भी सीएम पर सस्पेंस, PM मोदी के मन में क्या है?Normal PAN, e-PAN, या PAN 2.0: कौन सा आपके लिए सही है? | Paisa LiveMera Balam Thanedar: OMG! बुलबुल बनी under-cover agent, चोरी हुए हार का कैसे पता लगाएगी बुलबुल?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Embed widget