Anjali Singh Case: दिल्ली (Delhi) के कंझावला हिट एंड ड्रैग मामले (Kanjhawala Hit And Drag Case) में पुलिस अपना पहला चार्जशीट दाखिल करने के लिए तैयार है. इस केस में 20 साल की युवती अंजलि सिंह की 1 जनवरी को तड़के 12 किमी तक कार से घसीटे जाने के बाद दर्दनाक मौत हो गई थी. चार्जशीट 1 अप्रैल को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल किए जाने की संभावना है. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि मसौदा तैयार है, चार्जशीट सभी आवश्यक सबूतों के साथ दायर की जाएगी, ताकि सभी आरोपियों को कड़ी सजा दी जा सके.


सूत्र ने कहा, एक एसीपी और एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. डीसीपी हरेंद्र के. सिंह के अनुरोध पर नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर के पांच फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम को विशेष रूप से सुल्तानपुरी आने के लिए बुलाया गया था. फोरेंसिक रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित होने की उम्मीद है, जिसके बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी.


आरोपियों पर इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस


सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 304, 201,120-बी और 34 के तहत आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा. शुरुआत में आईपीसी की धारा 304-ए और 279 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में, अन्य खंड जोड़े गए. एक अन्य सूत्र ने बताया कि मृतका अंजलि की सहेली निधि की गवाही इस मामले में अहम भूमिका निभाएगी.


अंजलि की दोस्त निधि ने किया था ये दावा


दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज पर भरोसा कर रही है, जिसमें यह घटना कैद हुई है. दरअसल, निधि ने दावा किया था कि अंजलि चिल्ला रही थी, लेकिन कार सवार लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया. एक जनवरी को घटना के तीन घंटे के भीतर पुलिस ने कार में घूम रहे पांच लोगों अमित खन्ना, मिथुन, कृष्ण, मनोज मित्तल और दीपक खन्ना को गिरफ्तार कर लिया था. चार दिन बाद, 5 जनवरी को पुलिस ने दो और आरोपियों, कार मालिक आशुतोष भारद्वाज और अमित खन्ना के भाई अंकुश खन्ना को गिरफ्तार किया. केवल अंकुश को अदालत ने जमानत दी थी, क्योंकि मामले में उसकी न्यूनतम भूमिका थी.


न्यायिक हिरासत में हैं छह आरोपी


9 जनवरी से, छह अन्य व्यक्ति न्यायिक हिरासत में हैं. आशुतोष, कार मालिक और अमित के भाई, अंकुश खन्ना ने पांचों आरोपियों के साथ बातचीत की और चूंकि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इसलिए दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए कहा गया कि वह घटना के समय ड्राइविंग सीट पर था. वहीं जो लोग घटना के समय कार में थे, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, 302, 34 के तहत चार्जशीट की जाएगी, क्योंकि वे अच्छी तरह जानते थे कि अंजलि कार में फंसी हुई थी. उन्होंने यह देखने के लिए खिड़की से बाहर झांका कि क्या वह अभी भी अटकी हुई है, जिससे पता चलता है कि उनके इरादे एक जैसे थे. 


निर्वस्त्र मिली थी लाश 


1 जनवरी की तड़के दुर्घटना के समय अंजलि स्कूटी चला रही थी. उसके कपड़े बलेनो कार में उलझ गए और उसे 12 किमी तक घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई. कंझावला इलाके में उसकी निर्वस्त्र लाश मिली थी. ऑटोप्सी से पता चला कि उसके शरीर पर चोट के 40 निशान थे, उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और ब्रेन मैटर भी गायब था. अंजलि को जिस रास्ते से घसीटा गया उस रास्ते पर तैनात कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उन्हें अंजलि के बारे में अच्छी तरह पता था जो उनकी कार में फंस गई थी, लेकिन वे भी डर के मारे कार चलाते रहे.


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