Delhi News: दिल्ली सरकार सतर्कता विभाग में बतौर एसीपी कार्यरत वीरेंद्र पुंज पिछले कई सालों से कानून का कायदा मुहिम स्कूली छात्रों के बीच चला रहे थे. अब जाकर उनकी इस मुहिम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. उनके इस मुहिम का मकसद लीगल स्टडीज की पढ़ाई सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में शुरू कराने की है. इस बाबत उन्होंने दिल्ली के शिक्षा मंत्री से मुलाकात भी की थी. अब दिल्ली सरकार ने उनकी इस मुहिम पर गौर फरमाते हुए उत्तर पूर्व जिले के 46 स्कूलों में लीगल स्टडीज को 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एक अलग विषय के रूप में शुरू करने की इजाजत दी.
फैसले का होगा दूरगामी असर
एसीपी वीरेंद्र पुंज ने दिल्ली शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को आदेश मिलने की आधिकारिक जानकारी मिलने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का यह फैसला बेहतर समाज निर्माण की दिशा में सार्थक और दूरगामी साबित होगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि कानून का कायदा नाम की मुहिम को सफल बनने में मीडिया की भूमिका सबसे अहम है. बता दें कि साल 2012 में ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने लीगल स्टडीज विषय को अलग विषय के रूप में पढ़ाने की इजाजत सभी सरकारी, गैर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को दी थी. सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी यह शामिल है. उसके देश की कुछ निजी स्कूलों में पहले से ही लीगल स्टडीज बतौर अलग विषय पढ़ाया जा रहा है.
अपराधों पर अंकुश लगेगा
एसीपी वीरेंद्र पुंज का कहना है कि इससे बच्चों में काननू पेशा के प्रति आकर्षण बढ़ेगा. जितने बच्चे कानून के जानकार बनेंगे, उसी गति से अपराधों पर अंकुश को स्वत:स्फूर्त बल मिलेगा. ऐसा इसलिए कि जब स्कूली स्तर पर बच्चे कानून के जानकार होंगे तो किशोरवय के बच्चे कायदे-कानूनों की जानकारी के अभाव में जो गलती करते हैं, वो नहीं करेंगे. इतना ही नहीं, स्कूली बच्चों में कानून की समझ का असर समाज के वर्गों पर भी होगा.
ये है विभागीय आदेश
एसीपी वीरेंद्र पुंज के मुताबिक उत्तर पूर्व जिला स्कूलों के अंतर्गत 2024-25 सत्र से सभी स्कूलों में कानूनी अध्ययन विषय शुरू करने का आदेश दिया गया है. सरकारी निजी सहायता प्राप्त आदि ईमेल शिक्षा विभाग से डीडीई जोन IV उत्तर पूर्व जिले को प्राप्त हुआ है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में 46 सरकारी स्कूलों को लीगल स्टडीज को बतौर अलग विषय के रूप में पढ़ाई शुरू करने को कहा गया है.