Delhi News: पिछले कुछ दिनों से देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर लगातार चर्चा और राजनीति तेज हो गई है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 27 जून को कहा कि एक घर में दो कानून नहीं चल सकते. इसी वक्त से UCC को लेकर लगातार राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. ऐसे में अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने 'एक देश एक कानून' वाले मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है.


दरअसल, कपिल मिश्रा ने कहा कि, '5 अगस्त को हुआ राम मंदिर का निर्णय हुआ था. 5 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी. अब 5 अगस्त को ही यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) भी आने वाला है. जय श्री राम.'







क्यों हो रहा है यूसीसी का विरोध?


दरअसल, मुस्लिम समुदाय यूसीसी को धार्मिक मामलों में दखल के तौर पर देखते हैं. वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तहत शरीयत के आधार पर मुस्लिमों के लिए कानून तय होते हैं. तीन तलाक कानून बनाने पर बरेलवी मसलक के उलमा ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि, मजहबी मामलत में दुनियावी दखलदांजी अच्छी नहीं होती है. दुनियावी कानून में सुधार होते रहते हैं पर शरीयत में तब्दीली मुमकिन नहीं.


वहीं यूसीसी का विरोध करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं का मानना है कि यूसीसी की वजह से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का वजूद खतरे में पड़ जाएगा. जो सीधे तौर पर मुस्लिमों के अधिकारों का हनन होगा. मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि शरीयत में महिलाओं को संरक्षण मिला हुआ है. इसके लिए अलग से किसी कानून को बनाए जाने की जरूरत नहीं है. मुस्लिम धर्मगुरुओं को यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए मुसलमानों पर हिंदू रीति-रिवाज थोपने की कोशिश किए जाने का शक है. इनका मानना है कि यूसीसी लागू होने के बाद हर मजहब पर हिंदू रीति-रिवाजों को थोपने की कोशिश की जाएगी.


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