Kapil Sibal News: कपिल सिब्बल ने फिर साधा पीएम मोदी पर निशाना, पूछा- अच्छे दिन कहां हैं, भूल गए?
Kapil Sibal Reaction Narendra Modi: कपिल सिब्बल ने पूछा है कि आपने कहा कि अगला पांच साल देश के लिए स्वर्णिम काल होगा, लेकिन ऐसा किसके लिए होगा? क्या गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए ऐसा होगा?
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Delhi News: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को तिरंगा फहराने और भाषण देने के बाद चर्चित अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हमेशा की तरह एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस बार पीएम मोदी से पूछा है कि अच्छे दिन कहां हैं, क्या उसे भूल गए?
कपिल सिब्बल ने सवालिया लहजे में पूछा है कि लाल किले के प्राचीर से 15 अगस्त को आपने कहा था- हमें भ्रष्टाचार से छुटकारा पाना है, लेकिन आपके पास लगभग 10 साल थे। क्या हुआ "अच्छे दिन" कहां हैं? भूल गए क्या? देश में आपकी महंगाई आयातित है. बाजार में हमारी सब्जियां नहीं हैं! अब आप बता रहे हैं कि अगला पांच साल देश के लिए स्वर्णिम काल होगा, लेकिन ऐसा किसके लिए होगा? क्या गरीब, दलितों और अल्पसंख्यक के लिए ऐसा होगा या फिर किसी और का भला होगा.
न्यायपालिका की आजादी के खिलाफ है BNS
तीन दिन पहले यानी 13 अगस्त को पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता की जगह लाया गया भारतीय न्याय संहिता विधेयक ‘राजनीतिक उद्देश्यों के लिए पुलिस की दमनकारी शक्तियों’ का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है. एनडीए सरकार औपनिवेशिक युग के कानूनों को खत्म करने की बात करते हैं, लेकिन वो देश में तानाशाही लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं देश के जजों को इससे सावधान रहने की सलाह देना चाहूंगा. भारतयी न्याय संहिता सहित तीन बिल देश को अंधकार में धकेलने वाला है. यह न्यायपालिका की आजादी के खिलाफ भी है. बीएनएस असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून सत्र के अंतिम दिन भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक 2023, सीआरपीसी की जगह लेने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023, और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक 2023 पेश किया था. भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, इंडियन एविडेंस एक्ट (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) की जगह लेगा.
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