Kapil Sibal On NEET UG 2024 Exam: सुप्रीम कोर्ट की ओर से NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार करने के बाद जाने माने वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सिबल्ल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सबूत मांगे कि पेपर किस हद तक लीक हुआ था. 


उन्होंने आगे कहा, ''वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह स्थानीय का मामला है. इस सरकार के दौरान हर परीक्षा लीक क्यों होते हैं? किसके फायदे के लिए पेपर लीक हो रहे हैं? ये सब बीजेपी शासित राज्यों में हो रहे हैं.'' 


बिना योग्यता के किन लोगों को नौकरियां मिलीं- सिब्बल


राज्यसभा सांसद ने ये भी कहा, ''बिना योग्यता वाले कौन लोग हैं जिन्हें नौकरियां मिलीं? सिर्फ नीट ही नहीं हर परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं. सवाल है कि इसमें कौन शामिल है. ये सरकार किसे फायदा पहुंचा रही है. आपने अभी हाल में एक IAS ऑफिसर को भी देखा, जिनकी नियुक्ति फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई." 






उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए आगे कहा, ''ये सब पिछले 10 सालों में हुए हैं. इससे पहले ऐसा नहीं हुआ. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को पूरी तरह से नया रूप देने की जरूरत है.'' 


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा को लेकर विवादों के बीच इसे रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को मंगलवार (23 जुलाई) को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत और कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. 


चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे.बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र और NTA की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकीलों नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित अलग-अलग वकीलों की दलीलें करीब 4 दिनों तक सुनीं. 


सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले के प्रभावी हिस्से को लिखा और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई है.'  


गौरतलब है कि एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 5 मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है. विपक्षी नेता से लेकर आम लोग इस मुद्दे को लेकर कड़ी आलोचना कर रहे हैं.


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