Delhi News: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2021 में अपनी ही 17 वर्षीय बेटी के साथ रेप करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में एक पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने दोषी को समाज के लिए वास्तविक खतरा बताते हुए कहा कि यह जघन्य अपराध किसी भी नरमी का हकदार नहीं है.


मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह अपराध सबसे जघन्य कृत्यों में से एक है. एक पिता द्वारा अपनी ही बेटी के साथ रेप और उसे छह महीने तक गर्भवती रखना समाज के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है. अदालत ने यह भी कहा कि दोषी का कृत्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है और ऐसा व्यक्ति अन्य बच्चों के लिए भी खतरा हो सकता है.  


दोषी पर POCSO अधिनियम के तहत चला था केस
दोषी पर POCSO अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) और आईपीसी की रेप से संबंधी धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया था. हालांकि कड़कड़डूमा कोर्ट ने माना कि यह मामला रयरेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन फिर भी दोषी को उसके बचे हुए प्राकृतिक जीवन तक जेल में रखने की सजा सुनाई गई.  


कोर्ट ने अपने फैसले में कही अहम बातें
कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा समाज की रक्षा करना और दोषी को यथासंभव लंबे समय तक समाज से दूर रखना हमारा कर्तव्य है. इस तरह के राक्षसी कृत्यों के लिए सख्त सजा आवश्यक है. फिलहाल पीड़िता को सामाजिक संस्थाओं और कानूनी प्रक्रिया के तहत संरक्षण दिया गया है. मामले की जांच में शामिल अधिकारियों ने भी कोर्ट फैसले को सही ठहराया है.  


ये भी पढ़ें: दिल्ली में 10 लाख के लिए 16 साल के लड़के को चीर डाला, शव के टुकड़े भी करना चाहते थे दरिंदे