दिल्ली के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक करतार सिंह तंवर की विधानसभा सदस्यता समाप्त की गई. करतार सिंह तंवर आम आदमी पार्टी के विधायक थे. लेकिन उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर जारी आदेश के मुताबिक, 10 जुलाई से करतार सिंह तंवर की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई.
10 जुलाई को BJP में हुए थे शामिल
10 जुलाई को दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के साथ तंवर ने बीजेपी का दामन थामा था. राजकुमार आनंद को पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था. जब वे बीजेपी में शामिल हुए थे तब दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में बंद थे.
नियम के मुताबिक, विधायकी समाप्त किए जाने के बाद छतरपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है. छह महीने में किसी खाली सीट पर चुनाव करना जरूरी है. लेकिन छह महीने के भीतर ही दिल्ली विधानसभा चुनाव हो जाएंगे. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा.
2016 में पड़ा था इनकम टैक्स का छापा
करतार सिंह कंवर तब सुर्खियों में आए थे जब जुलाई 2016 में इनकम टैक्स का उन पर छापा पड़ा था. उनके फार्म हाउस और ऑफिस पर 27 जुलाई को आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की थी.
2014 में आप में हुए थे शामिल
साल 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले तंवर ने जब पार्टी का साथ छोड़ा तो तानाशाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की हालत देखकर उन्हें दुख हो रहा है. उन्होंने आप पर भ्रष्टाचार में डूबने का आरोप लगाया. 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने छतरपुर सीट से जीत हासिल की. आप में शामिल होने से पहले वो बीजेपी में ही थे. 2007 में वार्ड पार्षद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे. सियासी सफर शुरू करने से पहले तंवर ने दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर थे.
'मेरे कट्टर दुश्मन भी ये मानते हैं कि...', इस्तीफे का जिक्र कर ऐसा क्यों बोले अरविंद केजरीवाल?