Delhi News: देशभर की सुहागिनमहिलाएं हर साल करवा चौथ का व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. ये परंपरा सदियों से चली आई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पोस्ट एक्स के जरिए इस मौके पर सभी सुहागिन माताओं और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं दी.
उन्होंने अखंड सौभाग्य और स्नेह के पावन पर्व करवा चौथ की सभी माताओं-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि माता रानी अपनी कृपा से आप सब पर बनाएं रखें. आप सबके सुहाग-भाग्य और परिवार में खुशियां बनी रहें. आपके घर में सुख-समृद्धि, सौहार्द बना रहे.
पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत
बता दें कि भारतीय समाज में महिलाओं के बीच करवा चौथ का व्रत रखने की सदियों पुरानी परंपरा है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा काफी लोकप्रिय है. पौराणिक कथा के मुताबिक करवा नाम की एक स्त्री अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे एक गांव में रहती थीं. उनके पति उम्रदराज और शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे. एक दिन नदी के किनारे स्नान के दौरान मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया. ऐसे हालात में वह करवा यानी अपनी पत्नी को जोर-जोर से पुकारने लगे. पति की पुकार सुन करवा मौके पर पहुंचीं.
पति का प्राण संकट देख करवा ने क्या किया?
माना जाता है कि करवा के पतिव्रता धर्म और उनके सतीत्व में काफी शक्ति थी. उन्होंने अपने पति के प्राण को संकट में देख यमराज से उनकी जान बचाने की गुहार लगाई. करवा के पतिव्रता होने के कारण यमराज ने उनकी प्रार्थना स्वीकार करते हुए पूछा कि देवी, आप क्या चाहती हैं. इसके जवाब में करवा ने कहा कि मेरे पति के प्राण संकट में है. आप मगरमच्छ को मृत्यु दंड दीजिए.
करवा के किस बात से डर गए यमराज
पतिव्रता करवा के इस अनुरोध पर यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु तो अभी शेष बची है. मैं, उसका जान नहीं ले सकता. करवा को यमराज से इस तरह के जवाब की अपेक्षा नहीं थी. उन्होंने यमराज से पति के जान संकट में होने के कारण सहायता मांगी थी, लेकिन यमराज का जवाब सुनकर वह चौंक गईं. यमराज के जवाब से नाराज करवा ने उनसे कहा- अगर आपने मगरमच्छ को मृत्यु दंड नहीं दिया, तो मैं आपको अपने तपोबल से श्राप दे दूंगी. करवा के आक्रोश को देख यमराज भी कुछ देर के लिए भयभीत हो गए. डर के मारे उन्होंने मगरमच्छ को मृत्यु दंड की सजा दी. इतना ही नहीं, उन्होंने करवा के पति को लंबी आयु का वरदान भी दिया. पौराणिक कथाओं के अनुसार उसी समय से करवा चौथ कर व्रत हिंदू परंपरा में प्रचलन में है.