Kejriwal Government के रात तीन बजे तक बार खोलने के फैसले पर Delhi Police को ऐतराज, कानून व्यवस्था का दिया हवाला
Restaurant Bar In Delhi: दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग इकाई ने सभी 15 जिलों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी लेकिन सभी जिलों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई.
Delhi Police News: दिल्ली के रेस्टोरेंट्स बार (Restaurant Bar) को सुबह के 3 बजे तक खोलने के आग्रह को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ठुकरा दिया है. जबकि दिल्ली सरकार (Delhi Government) का आबकारी विभाग शहर के रेस्तरां और बार को सुबह 3 बजे तक संचालित करने की अनुमति देने के लिए रेस्तरां की मांग पर सहमत हो गया था. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 3 बजे तक बार खोलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कानून और व्यवस्था के मुद्दों को जन्म देगा.
सिसोदिया ने राजस्व बढ़ाने की सिफारिश की थी
दिल्ली में बार चलाने के लिए दिल्ली पुलिस की लाइसेंस ब्रांच से परमिट लेना होता है, जबकि दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग से शराब का परमिट और नागरिक एजेंसी से ट्रेड लाइसेंस लेना होता है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पिछले साल सितंबर में आबकारी आयुक्त की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने राजस्व बढ़ाने के लिए सिफारिश की थी. जिसके बाद रेस्तत्रों बार का समय रात 1 बजे से 3 बजे तक बढ़ाने का सुझाव दिया था.
दो अतिरिक्त घंटे के लिए बार खोलने की अनुमति दें
आबकारी विभाग का भी प्रभार संभालने वाले सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इस महीने की शुरुआत में रेस्टोररेटर्स के अनुरोध के बाद, अधिकारियों से कहा था कि वे वर्तमान रात 1 बजे के अलावा और दो अतिरिक्त घंटे के लिए बार खोलने की अनुमति दें. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग इकाई ने सभी 15 जिलों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी लेकिन सभी जिलों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "दिल्ली में कानून और व्यवस्था के कई मुद्दे हैं, वीवीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा, विरोध-प्रदर्शन, नियमित अपराध, ट्रैफिक और सबसे महत्वपूर्ण, महिला सुरक्षा शामिल हैं. रेस्टोबार का समय बढ़ाने से पुलिस पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और ट्रैफिक पर भी असर पड़ेगा.
उचित योजना तैयार करने की जरुरत- पुलिस
बता दें कि वर्तमान में, केवल कुछ पांच सितारा होटलों में स्थित बार को ही 24 घंटे संचालित करने की अनुमति है. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, "इस योजना को लागू करने के लिए न केवल पुलिस बल्कि अन्य हितधारकों को भी नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सोचना चाहिए. इसे लागू करने से पहले एक उचित योजना तैयार करने की आवश्यकता है."