Delhi Weather and Pollution Today: दिल्ली में गिरा पारा, प्रदूषण बढ़ा, इस हफ्ते बढ़ जाएगी ठंड, बुधवार को दर्ज हुआ सबसे कम तापमान
दिल्ली में मौसमी धुंध घनी है लेकिन अक्टूबर के मध्य से आठ नवंबर तक पराली जलाने से होने वाले धुएं का औसत दैनिक योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है.
Delhi Weather and Pollution Today: दिल्ली में बुधवार को इस सर्दी के सीजन का न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा. मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस था. वहीं आगर गुरुवार की बात करें तो अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बुधवार की तुलना में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में और गिरावट होगी. दिल्ली में नवंबर के अंत में शीतलहर के शुरू होने का अनुमान है.
वहीं तापमान के गिरने से दिल्ली में ठंड बढ़ जाएगी. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में कोहरा छाया रहेगा. हवा में नमी का स्तर अधिक होने की वजह से सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा. जिसकी वजह से दृश्यता कम रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार इस हफ्ते ज्यादातर मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी. हालांकि, उत्तरी क्षेत्र से आने वाली हल्की ठंडी हवाओं की वजह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी आएगी. दिल्ली में सूर्योदय 06:40 पर हुआ जबकि सूर्यास्त 17:29 पर होगा.
बुधवार को तेज हवाएं चलने से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आई थी लेकिन गुरुवार को एक बार फिर से वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी हो गई है और एक्यूआई 402 पर पहुंच गया है जो गंभीर माना जाता है. वहीं पीएम2.5 अपने मानक से ऊपर 298.8 घन मीटर पर है. अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता और बिगड़ेगी और 13 नवंबर को इसमें सुधार आएगा. यहां पर आपको बता दें कि एक्यूआई को 0 और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
दूसरी तरफ विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र के अमुसार दिल्ली-एनसीआर में मौसम की पहली घनी धुंध छा गयी है और इसके दो और दिनों तक रहने की आशंका है. हालांकि, दिल्ली में मौसमी धुंध घनी है लेकिन अक्टूबर के मध्य से आठ नवंबर तक पराली जलाने से होने वाले धुएं का औसत दैनिक योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है. सीएसई ने बताया कि पिछले चार वर्षों की धुंध की पहली घटना की तुलना करने पर मौजूदा धुंध 2018 और 2020 की पहली धुंध की अवधि से मिलती है जो छह दिनों तक रही थी. अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं होता है तो यह 2019 की धुंध से भी अधिक समय तक रह सकती है जो आठ दिनों तक रही थी. सीएसई ने कहा, ‘‘दिल्ली के औसतन दैनिक पीएम2.5 में अक्टूबर से आठ नवंबर के दौरान धुएं का योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है. अभी तक यह प्रतिदिन औसतन 12 प्रतिशत दर्ज किया गया जबकि पिछले साल 17 फीसदी, 2019 में 14 फीसदी और 2018 में 16 प्रतिशत था.’’
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