Delhi News: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने बुधवार को कहा कि पार्टी जल्द ही संरचनात्मक बदलावों के साथ खुद को पुनर्जीवित करेगी और जो नेता दूसरी पार्टियों में चले गए हैं, वे भी वापस आ सकते हैं. 


'बस इंतजार करें, और देखें'


लवली ने कहा, 'हम राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को पुनर्जीवित करने और शहर के प्रत्येक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता की भावना को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. इंतजार करें और देखें कि पहले दलबदल करने वाले कितने नेता कांग्रेस में लौटते हैं.' पूर्व मंत्री लवली को हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी की इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था.


किस-किसने कब छोड़ी पार्टी?


अतीत में कांग्रेस छोड़ने वाले कुछ नेता महाबल मिश्रा, प्रह्लाद सिंह साहनी, शोएब इकबाल, धनवती चंदेला, राजकुमारी ढिल्लों और सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू हैं. जहां महाबल मिश्रा 2022 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले AAP में शामिल हुए, वहीं 1998 से 2015 के बीच चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से चार बार कांग्रेस विधायक रहे साहनी 2019 में AAP में शामिल हो गए. पांच बार कांग्रेस विधायक रहे शोएब इकबाल मटियाल महल विधानसभा क्षेत्र से, जनवरी 2020 में AAP में शामिल हुए. चंदेला और ढिल्लों 2020 में विधानसभा चुनाव से पहले AAP में शामिल हुए. तिमारपुर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हुए. 


2 सप्ताह बाद फेरबदल संभव


दिल्ली में पार्टी के पुनर्गठन के लिए नियुक्त किए गए कांग्रेस समन्वयकों पर लवली ने कहा कि अगले दो सप्ताह में उनसे रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. सबसे पहले, हमें पार्टी को पुनर्गठित करने और कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच कुछ जिम्मेदारियों में फेरबदल करने की जरूरत है. एक बार यह पूरा हो जाएगा तो पार्टी अपनी गतिविधियां शुरू कर देगी.' अब भी पार्टी चुप है क्योंकि हमारा पूरा ध्यान ढांचा बदलने पर है.


चुनाव से पहले होगा बदलाव


लवली ने आगे कहा, 'मुझे उम्मीद है कि दिल्ली कांग्रेस जल्द ही खुद को पुनर्जीवित करेगी. कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली के सभी सात लोकसभा क्षेत्रों के लिए समन्वयक नियुक्त किए जो राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के पुनर्गठन में मदद करेंगे और अगले 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. डीपीसीसी अध्यक्ष ने पहले कहा था कि प्रत्येक समन्वयक के पास ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के लिए नाम सूचीबद्ध करने में मदद करने के लिए तीन नेता होंगे और ब्लॉक कांग्रेस समितियों के तहत दो मंडल भी होंगे. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भी कोई सीट नहीं मिली, जिसे AAP ने जीत लिया.