Delhi Air Pollution: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी,पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, दिल्ली के मुख्य सचिव और DDMA के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
बैठक की शुरुआत में उपराज्यपाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के आंतरिक स्रोतों को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिस पर सभी ने अपनी सहमति जताई. सड़कों से उड़ने वाली धूल की पहचान वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारण के रूप में हुई थी, जिसको तुरंत कम करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.
वाहनों के उत्सर्जन से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के लिए भी दीर्घकालिक समाधान निकालने की बात कही गई है.
एलजी ने बताया कि CAQM की हालिया बैठक के बाद उन्होंने एमसीडी और डीडीए को कचरे, सड़कों पर जमा सूखी गाद को इकट्ठा करने और सड़कों से धूल साफ करने का काम मिशन मोड में शुरू करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि इसके परिणाम बहुत उत्साहजनक रहे हैं.
23 हजार टन गाद का निस्तारण
पिछले पखवाड़े के दौरान एमसीडी और डीडीए ने क्रमश: 15 हजार मीट्रिक टन और 8000 मीट्रिक टन गाद को एकत्रित कर इसका सफलतापूर्वक निपटान किया. मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस बात को स्वीकारा कि इस अभियान से प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है. उन्होंने पीडब्ल्यूडी और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को इसी तरह से मिशन मोड में काम करने का निर्देश दिया.
पर्यावरण मंत्री गोपाल ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के रूप में वैकल्पिक मार्ग होने के बावजूद वाहन दिल्ली में प्रवेश कर रहे थे. इसे रोकने के लिए सख्ती की आवश्यकता है. इसी तरह बैठक में खुले में आग जलाने, कूड़ा जलाने और पीयूसी के अनुपालन का मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
डीपीसीसी ने जताई ये आशंका
DDMA की बैठक में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) ने आने वाले महीनों में वायु गुणवत्ता के बेहद खराब होने की संभावना जताई है. डीपीसीसी ने कहा कि ऐसा होने पर CAQM को GRAP 4 के उपायों को लागू करना पड़ेगा, जिसका अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा.